बीपीएल
सुविधाओं को बंद करने की तैयारी में सरकार
हिमाचल सरकार ने अब बीपीएल परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं को बंद करने
की तैयारी कर ली है। क्योंकि बीपीएल सूची में नाम रखने के लिए जो शर्तें सरकार
ने लगा दी हैं उसमें बने रहना अब बहुत मुश्किल होगा। करीब एक माह बाद जिला
उपायुक्त नए सिरे से बीपीएल सूचियां बनवानी शुरू कर देंगे। इनमें से अधिकतर लोग
बीपीएल श्रेणी से स्वतः ही बाहर हो जाएंगे। ग्राम पंचायतों की बीपीएल सूची की
समीक्षा पहले में अक्तूबर में होनी थी लेकिन कई पंचायतों में चुनाव आचार संहिता
के कारण ग्राम पंचायतों की बीपीएल सूची की समीक्षा नहीं हो पाई थी। अब बीपीएल सूची में पात्र परिवारों के चयन को सुनिश्चित करने बारे यह भी स्पष्ट
किया गया है कि ऐसे परिवार जिनके पास दो हेक्टेयर से ज्यादा असिंचित भूमि अथवा
एक हेक्टेयर से ज्यादा सिंचित भूमि हो। ऐसे परिवार जिनके पास रहने के लिए
आधुनिक शहरी प्रकार का पक्का, बड़ा निजी मकान हो, जिस परिवार का कोई सदस्य आयकर
देता हो, जिनके पास चार पहिया वाहन जैसे कि कार, मोटर, जीप, ट्रैक्टर, ट्रक और
बस आदि हो। वेतन, पेंशन, भत्ते, मानदेय, मजदूरी तथा व्यवसाय आदि से नियमित
मासिक आमदन 2500 रुपए से अधिक हो, ऐसे व्यक्ति बीपीएल सूची में शामिल होने के
पात्र नहीं होंगे। ऐसा परिवार जिनके घर से कोई सदस्य सरकारी नौकरी अथवा गैर
सरकारी नौकरी में नियमित तौर पर या अनुबंध पर कार्यरत हो तथा जिसकी नियमित
मासिक आमदन 2500 से अधिक हो, ऐसे परिवारों का चयन भी बीपीएल श्रेणी में नहीं
किया जाएगा।
जारी...
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हिमाचल
कांग्रेस संगठन में बड़ा बदलाव हो सकता है
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बड़े बदलाव होने की संभावना जताई जाने
लगी है। महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों को देखते हुए इस प्रक्रिया को विराम दिया
गया था। अब फिर नए सिरे से संगठन को बनाने की बात फिर से शुरू हो गई है। पिछले
दिनों कांग्रेस आला कमान ने संगठन के गठन के बारे में नेताओं से फीडबैक भी लिया
है। हिमाचल में संगठन बनाना कांग्रेस आलाकमान के लिए आसान काम नहीं होगा। मौजूदा समय प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह हैं। हलांकि कांग्रेस
आलाकमान ने अर्की के विधायक संजय अवस्थी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर संगठन में
मौजूद दोनों गुटों में संतुलन स्थापित करने का प्रयास किया है। यह बात भी किसी
से छुपी हुई नहीं है कि हिमाचल कांग्रेस में अब भी वीरभद्र गुट और मुख्यमंत्री
सुखविंदर सिंह का गुट अस्तित्व में है। दोनों गुटों में अक्सर टकराव की खबरें
बाहर आती रहती हैं। अब मामला काफी गंभीर हो गया है। कहते हैं मुख्यमंत्री
सुखविन्दर सिंह का गुट कांग्रेस के मौजूदा वीरभद्र सिंह गुट पर काफी हावी हो
चुका है। इस गुट का नेतृत्व कर रही प्रतिभा सिंह कई बार इस ओर इशारा भी कर चुकी
हैं कि सरकार में उनके लोगों को स्थान नहीं दिया गया है। यही नहीं कई बार तो यह
टकराव इस हद तक भी चला गया था कि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को सरकार बचाने के
लाले पड़ गए थे। कहते हैं प्रदेश में हुए उप-चुनाव के बाद हलांकि वीरभद्र गुट काफी कमजोर पड़ गया
है।
जारी...
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