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ग्रास साप्ताहिक, निर्मल निवास, सपरून, सोलन
(हि.प्र.)
न.-9418104770 |
निगम बनाने के नाम पर ठग दिया
सोलन के लोगों को
नगर निगम की पैरवी करने वाले मुंह
छुपा रहे हैं...
निजी संवाददाता
सोलन :
सोलन को नगर निगम
बनाने के नाम पर सोलन के लोगों को स्थानीय नेताओं ने बुरी तरह से ठग लिया। अब
आलम यह है कि नगर निगम के लिए काम करने वाले ठेकेदारों ने भी बिना पैसे के काम
करने से मना कर दिया है। जबकि नगर निगम बनने से पहले नगर निगम अभियान समिति
बनाकर कुछ लोगों ने इस बात का ढंका पीटा था कि नगर निगम बनने पर सोलन में पैसों
की बरसात होगी और सोलन स्विटजर लैंड बन जाएगा।
अब सोलन के लोग अपने आपको ठगा हुआ इसलिए महसूस कर रहे हैं
कि अब जहां नगर की सफाई ठीक से नहीं हो पा रही है वहीं कूड़े के ढेर जगह जगह
दिखाई दे रहे हैं। डस्टबिन पूरे नगर से हटा दिए गए हैं और लोग सड़कों के किनारे
कूड़े के ढेर लगाने लग गए हैं। सोलन में हाउस टैक्स से लेकर पानी के बिलों में
बेहताशा वृद्धि कर दी गई है। कहा जा सकता है कि नगर परिषद के समय में जो कार्य
सोलन नगर में हो रहे थे उतने काम नगर निगम बनने के बाद भी नहीं हो पा रहे हैं।
अब तो नगर निगम में मिलाए गए क्षेत्र के ग्रामीण भी उन्हें नगर निगम से बाहर
करने की बात करने लगे हैं।
इतना जरूर हुआ है कि नगर निगम के कर्मचारियों का वेतन का
बोझ बहुत अधिक बढ़ गया है। जो ग्रामीण क्षेत्र नगर निगम में शामिल किए गए हैं
उनमें उतना कार्य भी नहीं हो पा रहा है जो पहले पंचायतें कर देती थीं। इसी बात
का विरोध हो रहा है।
यहां यह बात भी उल्लेखनीय है कि कुछ स्थानीय नेताओं ने
सोलन के लोगों को नगर निगम के बड़े बड़े ख्वाब दिखाए वह अब इस मामले में जनता से
अपना मुंह छुपाकर निकल जाते हैं। इस अभियान में अग्रणीय भूमिका निभाने वाले कुछ
नेता नगर निगम में पार्षद से लेकर मेयर तक बन गए लेकिन उन्होंने नगर निगम बनाने
के लिए जो बातें लोगों से कही थी वह उन बातों को अब याद भी नहीं करना चाहते
हैं। कुछ ही समय में नगर निगम चुनाव का शोर मचने वाला है और लोग इस इंतजार में
हैं कि सरकार और नेताओं को निगम के नाम पर ठगने के बारे में पूछा जाए।
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मिनी सचिवालय के पुराने डीसी आफिस लौटने की नौबत आ सकती है
एसपी सोलन ने अपना आफिस खाली किया, जांच जारी...
निजी
संवाददाता
सोलन :
लगता है मिनी सचिवाल को एक बार फिर से पुराने डीसी आफिस में
भेजने की नौबत आ सकती है। बाई पास पर बना मिनी सचिवालय एक बार फिर संदेह के
घेरे में आ गया है। पिछले दिनों पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अचानक दीवारों में
दरारें आ गईं और टाइलें भी टूट कर गिर गई। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह
ने तत्काल अपने कार्यालय को खाली कर दिया।
संदेह यह जताया जा रहा है कि शायद वहां जमीन धंस गई हो
जिससे दीवारों में दरार आ गई और टाइलें चटख गई। पिछले वर्ष शामती क्षेत्र में
भी जब जमीन धंसने के कारण मकानों की दीवारों में दरार आ गई थी तो सबसे पहले
वहां मकानों में टाइलें चटख गई थीं। तब जिला प्रशासन ने वहां के सभी मकानों को
खाली करवा दिया था। उसी प्रकार एसपी सोलन ने अपना कार्यालय तत्काल प्रभाव से
छोड़ दिया। इस मामले की जांच चल रही है कि कहीं यहां भी जमीन धसने को कोई
संभावना तो नहीं है। हलांकि यह भवन जब से बन रहा है तब से यह स्थान विवादों में
रहा है।
पहले भी इसके आसपास सरकारी भ्वनों को यह कहकर खाली करवा
लिया गया था कि यहां जमीन धंस रही है। इसके अलावा मजबूत ढंगे धंसने जैसी
शिकायतें भी यहां पहले से मिलती रही हैं। वर्ष 2017 में बने इस भवन में अब तक
कुछ स्थानों पर दरारें आ जा चुकी हैं। यह भी बताया जा रहा है कि भूस्खलन के
कारण मिनी सचिवालय के एक ब्लाॅक का लैंटर भी टूट चुका है। अब इंजीनियर्स इस भवन
की जांच करेंगे। फिलहाल पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने इस घटना पर मीडिया को बताया
कि एसपी कार्यालय में आई दरारों को लेकर उन्होंने सुरक्षा की दृष्टि से तत्काल
अपने कार्यालय को खाली कर दिया। पीडब्ल्यूडी को सूचित किया और विभाग के
अधिकारियों से जल्द से जल्द जांच की मांग की है।
यहां घटित पिछली घटनाओं को देखकर कहा जा सकता है कि यदि
वस्तव में यह मामला भूमि के धंसने की शुरुआत का है तो फिर मिनी सचिवालय को
पुराने डीसी आफिस में लौटना पड़ेगा। सवाल इस बात पर भी उठने लगे हैं कि कुछ
लोगों ने तहसील आफिस में मिनी सचिवालय को नहीं बनने दिया जबकि तब भी इस जगह को
सिंकिंग जोन कहा जा रहा था।
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जांबाज महिला पार्षद
सुरेन्द्र कौर नहीं रही
लंबी बीमारी के बाद दुनियां को अलविदा कहा...
निजी संवाददाता
सोलन : सोलन की
पूर्व पार्षद श्रीमती सुरेन्द्र कौर लंबी बीमारी के बाद इस दुनियां को
अलविदा कह गई। वह नगर पालिका परिषद अधिनियम 1994 के लागू होने के बाद हुए
चुनाव में वार्ड न. 12 से नगर पार्षद चुनी गई थी। पब्लिक लाइफ में उनकी एक
अलग ही पहचान रही है।
वह अपने पीछे दो पुत्र और एक पुत्री छोड़ गई हैं और उनके
सभी बच्चे विवाहित हैं। वह अपने छोटे बेटे परविन्दर सिंह के साथ सोलन में
रहती थीं और उनका यही पुत्र उनकी देखभाल करता था। वृद्धावस्था के कारण वह
पिछले करीब पांच छह साल से कहीं आ जा नहीं पाती थीं। जबकि एक समय था जब
श्रीमती सुरेन्द्र कौर समाजसेवा और अपने लेखन कार्य में काफी व्यस्त रहती
थी। यह उनकी समाज सेवा का ही करिश्मा था कि वार्ड न. 12 के लोगों ने एक
अल्पसंख्यक सिक्ख महिला को अपना नेतृत्व करने के लिए नगर परिषद में भेजा
था।
करीब 14 वर्ष बाद हुए नगर पालिका के चुनाव में श्रीमती
सुरेन्द्र कौर के वोट के कारण ही डा. राजीव बिंदल को नगर पालिका परिषद का
अध्यक्ष बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। इसके बाद डा. बिंदल की राजनीति का
सूर्य उदय हुआ था। श्रीमती सुरेन्द्र कौर राजनीति में काफी समय तक सक्रीय
रही। लंबी बीमारी के बाद उसकी सक्रीयता राजनीति में कम होती चली गई। उनका
अंति संस्कार चंबाघाट सोलन में किया गया जिसमें नगर के कई गणमान्य
व्यक्तियों ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। ग्रास साप्ताहिक भी
उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करता है।
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सोलन शिमला से ठंडा
निजी
संवाददाता
सोलन :
शिमला के साथ लगता सोलन नगर पिछले दिनों शिमला से कहीं अधिक ठंडा रहा। एक दिन
लिए गए तापमान के अनुसार जब सोलन में 4.4 डिग्री सेल्सियस लिया गया तो शिमला का
तापमान 9.4 डिग्री सेल्सियस था। इसे पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण का परिणाम भी
बताया जा रहा है।
हिमाचल में जब ताबो -8.0, कुकुमसेरी -6.1, समधो -1.9 और
कल्पा 0.4 डिग्री तापमान पर चल रहे हैं वहीं जुब्बड़हट्टी 9.2 डिग्री सेल्सियस
के साथ शिमला से ठंडा था। प्रदेश के अन्य स्थानों पर तापमान इस प्रकार से रहा।
भुंतर 1.8, सियोबाग 2.0 , मनाली 4.1, बरठीं 4.3, सुंदरनगर 4.5, ऊना 5.0, मंडी
5.3, भरमौर 5.4, पालमपुर 5.5, कांगड़ा 6.1, बिलासपुर 6.5, धर्मशाला 8.1 ,
धौलाकुआं 8.4, नाहन 10.3, पांवटा साहिब 11.0 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
मतलब शिमला से नीचे आते आते तापमान गिरने लगा है। हलांकि अब ठंड का प्रकोप बढ़ने
लगा है।
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