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दिल्‍ली बिहार में भी महाराष्‍ट्र जैसा खौफ

भाजपा का स्‍ट्राइक रेट 37 से 90 प्रतिशत पहुंच गया...

     महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के बाद दिल्ली और बिहार में भी हरियाणा और महाराष्ट्र जैसा चुनावी खौफ पसरने लगा है। इसका कारण यह है कि पिछले लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा स्ट्राइक रेट जिस प्रकार 37 से 90 प्रतिशत पहुंच गया है वह सबको हैरान करने वाला है। अरविन्द केजरीवाल ने तो उन लोगों को मीडिया के सामने पेश भी कर दिया जिनके वोट जबरन कार्ट दिए गए हैं।
     दिल्ली के साथ लगते हरियाणा में तो विपक्ष मजबूत नहीं था तो उस पर कुछ खास बवाल खड़ा नहीं हुआ। लेकिन महाराष्ट्र में तो विपक्ष काफी मजबूत था और वहां के चुनाव परिणाम विपक्ष को रास नहीं रहे हैं। महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के बाद दिल्ली में केजरीवाल की पार्टी इस बात से भयभीत है कि जैसा भाजपा ने महाराष्ट्र में किया है वैसा ही खेल वह दिल्ली में भी कर देगी। क्योंकि उन्हें जो धरातल पर दिख वैसे परिणाम सामने नहीं आए हैं। हरियाणा के बाद महाराष्ट्र में भी कहा जा रहा है कि पूरा दिन चुनाव करवाने के बाद भी कई ईवीएम की बैटरी 90 प्रतिशत बची हुई थी। कई लोग ऐसे हैं जिनके घर के वोट भी प्रत्याशी को नहीं पड़े हैं। एक आध जगह तो प्रत्याशी को शून्य वोट ही मिले हैं। कहा जा रहा है कि पूरा चुनाव मैनेज किया गया। अब चुनाव मैनेज हुआ या नहीं इसकी जानकारी तो किसी को नहीं है। शूबों और संदेहों में बात की जा रही है। मूल प्रश्न यह है कि अगर दिल्ली और बिहार में भी कुछ ऐसा खेला हो गया तो यह पूरे भारत की विपक्षी पार्टियों का राजनैतिक कत्ल ही होगा।
     दिल्ली में आम आदमी पार्टी की ऐसी सरकार है जिसने भाजपा और कांग्रेस को पूरी तरह से खत्म करके रख दिया है। अब यदि वहां भी भाजपा की सरकार महाराष्ट्र फार्मूले पर बन जाती है तो कोई क्या कर लेगा। बिहार में तो भाजपा को वैसे भी मौजूदा मुख्यमंत्री को संन्यास आश्रम में भेजना है। यहां भाजपा पर यह आरोप भी लग रहा है कि वह चुनाव को उसी राज्य में मैनेज करती है जहां उसे बहुत जरूरी होता है।

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