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बीपीएल सुविधाओं को बंद करने की तैयारी में सरकार

करीब 95 फीसदी लोग बीपीएल से बाहर हो जाएंगे...

विशेष संवाददाता

     शिमला : हिमाचल सरकार ने अब बीपीएल परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं को बंद करने की तैयारी कर ली है। क्योंकि बीपीएल सूची में नाम रखने के लिए जो शर्तें सरकार ने लगा दी हैं उसमें बने रहना अब बहुत मुश्किल होगा। करीब एक माह बाद जिला उपायुक्त नए सिरे से बीपीएल सूचियां बनवानी शुरू कर देंगे। इनमें से अधिकतर लोग बीपीएल श्रेणी से स्वतः ही बाहर हो जाएंगे। ग्राम पंचायतों की बीपीएल सूची की समीक्षा पहले में अक्तूबर में होनी थी लेकिन कई पंचायतों में चुनाव आचार संहिता के कारण ग्राम पंचायतों की बीपीएल सूची की समीक्षा नहीं हो पाई थी।
     अब बीपीएल सूची में पात्र परिवारों के चयन को सुनिश्चित करने बारे यह भी स्पष्ट किया गया है कि ऐसे परिवार जिनके पास दो हेक्टेयर से ज्यादा असिंचित भूमि अथवा एक हेक्टेयर से ज्यादा सिंचित भूमि हो। ऐसे परिवार जिनके पास रहने के लिए आधुनिक शहरी प्रकार का पक्का, बड़ा निजी मकान हो, जिस परिवार का कोई सदस्य आयकर देता हो, जिनके पास चार पहिया वाहन जैसे कि कार, मोटर, जीप, ट्रैक्टर, ट्रक और बस आदि हो। वेतन, पेंशन, भत्ते, मानदेय, मजदूरी तथा व्यवसाय आदि से नियमित मासिक आमदन 2500 रुपए से अधिक हो, ऐसे व्यक्ति बीपीएल सूची में शामिल होने के पात्र नहीं होंगे। ऐसा परिवार जिनके घर से कोई सदस्य सरकारी नौकरी अथवा गैर सरकारी नौकरी में नियमित तौर पर या अनुबंध पर कार्यरत हो तथा जिसकी नियमित मासिक आमदन 2500 से अधिक हो, ऐसे परिवारों का चयन भी बीपीएल श्रेणी में नहीं किया जाएगा। जबकि ऐसे परिवार जो पंचायत के कार्य में मस्ट्रोल पर करते हों, बीपीएल में चयन हेतु अपात्र नहीं होंगे। क्योंकि ऐसे लोग केवल सीजनल अस्थाई रोजगार प्राप्त करते हैं।
     ग्राम सभा बैठक की निर्धारित तिथि से पूर्व खंड विकास अधिकारी के द्वारा विकास खंड की प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक तीन सदस्यों की कमेटी का गठन किया जाएगा। इसमें संबंधित पंचायत के सचिव, पटवारी, राजस्व विभाग प्रतिनिधि तथा खंड विकास अधिकारी द्वारा नामित एक स्थानीय कर्मचारी, पंचायती राज प्रतिनिधि सदस्य होंगे। अब कौन पंचायती राज प्रतिनिधि इस कमेटी में शामिल होने के लिए हामी भरेगा कहा नहीं जा सकता। कहा जा सकता है कि सरकारी कर्मचारियों की समिति ही सारे फैसले लेगी।
     सरकार के रुख को देखकर लगता है कि अब सरकार बीपीएल परिवारों को मिलने वाली सुविधाओं को खत्म करने की तैयारी में है। सरकार की ओर से जो निर्देश दिए गए हैं उसे देखकर लगता है कि मौजूदा बीपीएल सूची में से 95 फीसदी लोगों की छुट्टी हो जाएगी। इस बात के राजनैतिक मतलब भी निकाले जा रहे हैं कि इससे करीब एक वर्ष बाद होने वाले पंजाचती राज चुनाव में कांग्रेस पार्टी को जबरदस्त नुक्सान होगा। जबकि पहले कहा गया था कि अपात्र लोगों को ही बीपीएल सूची से बाहर किया जाएगा।
     सरकारी घोषणा के अनुसार ग्राम पंचायतों की इसकी समीक्षा को लेकर ग्रामीण विकास विभाग की ओर प्रदेश सभी जिला के उपायुक्तों को निर्देश जारी कर दिए हैं। प्रदेश की ग्राम पंचायतों की 2024-25 की बीपीएल सूची की समीक्षा में बीपीएल श्रेणी में लोगों का चयन करने और अपात्र लोगों को बीपीएल श्रेणी बाहर करने को लेकर फैसला लिया जाएगा। विभाग की ओर से प्रदेश के जिलों के उपायुक्तों से आग्रह किया गया है कि जिला की प्रत्येक ग्राम पंचायत की बीपीएल सूची की समीक्षा करवाएं। ग्राम सभा बैठक की तिथि से सात दिन पूर्व बीपीएल सूची की समीक्षा किए जाने का नोटिस ग्राम पंचायत द्वारा जारी किया जाएगा।

 
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