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सैंपल फेल होने पर बिलासपुर की कंपनी का प्रोडक्‍शन स्‍टॉप

सीडीएसओ के सैंपल फेल के प्रति गंभीरता नहीं...

निजी संवाददाता

     शिमला : भले ही हिमाचल सरकार केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएसओ) की जांच पर गंभीरता न दिखाती हो लेकिन पिछले दिनों जिला बिलासपुर के अंतर्गत दवा निर्माता एक कंपनी में बनने वाली दवा के सैंपल फेल होने पर जबरदस्त कार्यवाही अमल में लाई गई है। सैंपल फेल होने पर संबंधित विभाग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए इस दवा कंपनी की प्रोडक्शन बंद करवा दी थी।
     सीडीएसओ पिछले कई वर्षों से हिमाचल में बनने वाली दवा कंपनियों के सैंपल की जांच करती है। सीडीएसओ ने हिमाचल की दर्जनों कंपनियों के सैंपल फेल किए हैं लेकिन प्रदेश सरकार के दवा नियंत्रक कार्यालय ने सैंपल बाजार से वापस मंगवाने के अतिरिक्त और कोई गंभीर कार्यवाही कभी नहीं की है। लेकिन बिलासपुर की दवा कंपनी की प्रोडक्शन रोकने के साथ ही भविष्य में भी इस तरह की कोई कोताही न करने को लेकर कड़ी चेतावनी भी दी गई है। विभागीय अधिकारियों की ओर से रिस्क बेस इंस्पेक्शन की गई थी और जिसके सैंपल भरे गए थे। जांच रिपोर्ट में यह सैंपल फेल पाए गए थे।
     कहा तो यह भी जा रहा है कि हिमाचल के स्वास्थ्य विभाग की ओर से उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार (सीडीएसओ) ने अभी कुछ दिन पहले ही जिला की एक कंपनी में रिस्क बेस इंस्पेक्शन की थी। इस दौरान अन्य जिलों के अधिकारियों पर आधारित टीम ने कंपनी में निरीक्षण किया। बाकायदा इस टीम द्वारा सैंपल एकत्रित किए गए। अब इस कंपनी में बनने वाली दवा के सैंपल फेल पाए गए।
     इस पूरी प्रक्रिया के तहत विभाग की ओर से एक टीम का गठन किया गया था। बिलासपुर जिला के ड्रग इंस्पेक्टर दिनेश शर्मा भी शामिल थे। ड्रग इंस्पेक्टर कहते हैं कि जिला में स्थित एक कंपनी की रिस्क बेस इंस्पेक्शन की गई थी। निरीक्षण के दौरान दवाओं के सैंपल भरे गए थे, जिसमें एक सैंपल फेल पाया गया है। कंपनी को आगामी प्रक्रिया तक प्रोडक्शन बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। यहां सवाल यह खड़ा होता है कि सीडीएसओ ने पिछले कुछ वर्षों में जिन अन्य दवाओं के सैंपल फेल किए हैं उनका क्या हुआ। स्वास्थ्य विभाग ने एक कंपनी को तो घेर लिया, औरों को क्यों छोड़ दिया गया है।

 
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