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    दीपावली पर महालक्ष्मी को प्रसन्न किया जाता है 
    
    
    
          
    पौराणिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली पर्व पर धन की देवी महालक्ष्मी को प्रसन्न 
    करने की लिए उनका पूजन किया जाता है ताकि उनकी कृपा हमेशा हम पर बनी रहे और घर 
    में खूब धन की वर्षा हो ताकि सुख समृद्धि घर में व्याप्त हो। वैसे तो माता 
    लक्ष्मी अस्थायी तौर पर हमारे साथ रहती हैं। यह भी कहा जाता है कि मां लक्ष्मी 
    हमेशा हम पर प्रसन्नता एवं संपदा की बौछार करती रहती है। 
     शास्त्रों के अनुसार यदि इस दिन सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त में 
    सही विधि-विधान के साथ मां लक्ष्मी का पूजन कर लिया जाए तो धन की देवी की कृपा 
    परिवार पर बरस सकती है। यह भी कहा जाता है कि जिन पर लक्ष्मी कृपा बरसती है 
    उनके घर में धन-धान्य की कोई कमी नहीं रहती। लोग दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की 
    अराधना करके वर्ष भर उसके पुण्य की प्राप्ति के लिए दुआ करते हैं। 
     दीपावली पर पर्व पर मिठाइयों और पुरस्कारों का आदान 
    प्रदान से जहां इस पर्व के आनंद को बढ़ाता है वहीं आपसी प्रेम और भाई चारा भी इस 
    पर्व के कारण बढ़ता है। लोग एक दूसरे को गले लगाकर इस पर्व की शुभकामनाएं देते 
    हैं। एक दूसरे की समृद्धि और संपन्नता के लिए दुआएं करते हैं। हिन्दुआ में यह 
    पर्व सबसे अच्छा और आकर्षक पर्व माना जाता है और लोग इसे बढ़ी पवित्रता के साथ 
    मनाते हैं। 
     मां लक्ष्मी की पूजा को शुद्धता के साथ मनाने की 
    तैयारियां कई दिन पहले से कर ली जाती है। घर की साफ सफाई के साथ साथ रंग रोगन 
    और पुताई का काम भी दीपावली पर्व आने से पहले ही पूरा कर लिया जाता है ताकि 
    लक्ष्मी पूजन के समय उनका घर साफ सुथरा और सुंदर दिखाई दे और मां लक्ष्मी उनके 
    घर में प्रवेश करे। दीपावली पर लोग घर द्वार पर रंगोली बनाकर मां लक्ष्मी का 
    स्वागत भी करते हैं। यह भी कहा जाता है कि दीपावली का समय मां लक्ष्मी को 
    प्रसन्न करने का सबसे उपयुक्त समय होता है। 
     मां लक्ष्मी पूजन की शुरूआत वैकुंठपति श्री नारायण की 
    पूजा द्वारा की जाती है। देवताओं और राक्षसों की लड़ाई में जब इंद्रदेव पराजित 
    हुए तो राक्षसों ने उनकी सारी धन दौलत को छीन लिया था। इस समय के दौरान देव 
    इंद्र ने पहाड़ों में शरण ली एवं ब्रह्माजी की सलाह अनुसार मां लक्ष्मी की पूजा 
    की। इस पूजा अर्चना के कारण इंद्रदेव को फिर से उनकी धन संपदा वापस मिल गई थी। 
    
     
    
    लक्ष्मी पूजन तथा सरस्वती पूजन 
    
     
     दीपावली पर लक्ष्मीपूजन के लिए प्रातःकाल में स्नान कर 
    स्वच्छ वस्त्र धारण करें। शुभ मुहुर्त देखकर घर के पूजा स्थल पर स्वच्छ आसन पर 
    मां लक्ष्मी की स्थापना करें। उनको फूल, चावल एवं कुमकुम चढ़ाएं। उसके सामने 
    ज्योत जलाएं एवं महालक्ष्मी मंत्र का जाप करें, इससे कई बार भी कर सकते हैं 
    लेकिन श्रद्धाभावपूर्ण करें। इस तरह करने से आपको अधिक लाभ प्राप्त होंगे। पूजा 
    संपूर्ण होने के बाद ब्राह्मण और बच्चों को दान दें। 
    
     
    
    भगवती महालक्ष्मी का मंत्र 
    श्रीं हीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद । 
    प्रसीद श्रीं हीं श्रीं महालाक्ष्मै नमः ।। 
    उपासकों की इच्छाएं पूर्ण होती हैं एवं धन संपदा मिलने के साथ भाग्योदय होता 
    है। 
    
     
     यह दीपावली उत्सव आपके घर में हमेशा के लिए सुख समृद्धि 
    एवं शांति लेकर आए। इसके अलावा इस पवित्र पर्व पर आप अपने घर या कार्यस्थल पर 
    बने पूजा स्थान में श्रीयंत्र तथा मेरूपृष्ठ श्रीयंत्र की स्थापना करें। इस 
    विधि विधान अनुसार नित्य पूजा करने से आपको अधिक लाभ प्राप्त होंगे। साथ ही घर 
    में संपन्नता भी वास करेगी। घर में लक्ष्मी पूजी के बाद प्रसाद के रूप में अपने 
    परिचितों को मुहल्ले पड़ोस में मिठाइयां बांटी जाती है। 
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