बीपीएल परिवारों की सूची को मजाक बनाकर रख दिया है
पंचायत चुनावों में बीपीएल मुद्दा गरमाएगा...
विशेष संवाददाता
शिमला : प्रदेश सरकार ने बीपीएल परिवारों की सूची को मजाक बनाकर रख दिया है।
सिर्फ दो लाख लोगों का नाम बीपीएल सूची में आने की संभावना है। पंचायती राज
चुनाव भी प्रदेश में होने वाले हैं और बीपीएल सूची इन चुनावों में गंभीर मुद्दा
बनकर उभरेगी। विभागीय सूत्र बताते हैं कि पहले यह सूची जुलाई माह में जारी हो
जानी चाहिए थी। फिर इसे अगस्त तक खिसकाने की बात कही गई और अब कहा जा रहा है कि
यह सूची अक्तूबर माह तक बनकर तैयार होगी। लेकिन यह भी पक्की तरह नहीं कहा गया
है कि अक्तूबर में हिमाचल प्रदेश के बीपीएल परिवार को सरकारी सहायता मिलने
लगेगी।
सरकार की ओर से पिछले सप्ताह ही कहा गया है कि हिमाचल की ग्राम पंचायतों में
बीपीएल के चयन की प्रक्रिया में अभी और समय लग सकता है। पंचायती राज विभाग ने
पहले जुलाई की डेडलाइन रखी थी लेकिन इस प्रक्रिया को अब अक्तूबर तक पूरा किया
जा सकेगा। अभी कई जिलों में वेरिफिकेशन चल रही है जबकि कई जिलों में ग्राम सभा
की बैठकें होना शुरू हो गई है। ग्राम सभा से रेकमेंडेशन के बाद भी एसडीएम की
कमेटी ने इन्हें वेरिफाई करना है इसलिए इस प्रक्रिया में अभी समय लगेगा। यहां
सवाल यह उठाया जा रहा है कि यदि अभी सूची की जांच चल रही है तो जुलाई माह तक
इसे पूरा करने की तारीख क्यों दी गई और अब अतूबर माह की तारीख किन तथ्यों के
आधार पर दी जा रही है। कहा जा सकता है कि गरीब लोगों के सब्र को टिकाए रखने के
लिए एक माह फिर दो माह इंतजार करने को कहा जा रहा है।
यह भी सभी को मालूम है कि नवंबर माह में हिमाचल में पंचायती राज चुनाव होने हैं
और अक्तूबर में बीपीएल सूची को जारी करने की तारीख दी गई है। पंचायती चुनावों
में वह लोग सरकार के खिलाफ जा सकते हैं जिनका नाम पिछली सूची से काट दिया गया
है। पंचायती राज विभाग का कहना है कि अक्तूबर तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
ग्राम सभा में बीपीएल सूचियों की समीक्षा की जाएगी। जाहिर है कि ग्राम सभाओं
में इस सूची को लेकर हंगामा होगा और कई अन्य नामों को इसमें शामिल करने के लिए
राजनैतिक बवाल भी खड़ा किया जाएगा।
कुछ माह पहले जहां कहा जा रहा था कि प्रदेश भर से बीपीएल सूची में शामिल होने
के लिए दो लाख परिवारों ने आवेदन किया है, वही अब इन परिवारों में 15 हजार
परिवार और जुड़ गए हैं और इनकी संख्या अब 2.15 लाख हो गई है। बीपीएल के लिए आए
आवेदनों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अब जब ग्राम पंचायतों में इन
सूचियों पर बहस होगी तो राजनैतिक लोग इसे और आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। यह
आंकड़ा तीन लाख पार हो जाएगा या चार लाख तक जाएगा। ऐसे में बीपीएल परिवारों की
सूची नए सिरे से बनाने का क्या फायदा होगा।
मजाक तो यह हो रहा है कि मई माह में कहा गया था कि बीपीएल सूची में नाम जोड़ने
और काटने की प्रक्रिया लगभग अंतिम दौर में पहुंच गई है। अभी कुछ क्षेत्रों में
इसे पूरा नहीं किया गया है। प्रदेश में 2 लाख से ज्यादा नए परिवार बीपीएल सूची
में जुड़ जाएंगे। अब 31 अगस्त से पहले नई सूची फाइनल कर सरकार को भेजने के आदेश
पंचायतीराज विभाग ने सभी एसडीएम को जारी किए गए हैं।
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