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हिमाचल प्रदेश कांग्रेस संगठन में बड़ा बदलाव हो सकता है आसान नहीं है वीरभद्र गुट को किनारे करना... विशेष संवाददाता शिमला : हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बड़े बदलाव होने की संभावना जताई जाने लगी है। महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों को देखते हुए इस प्रक्रिया को विराम दिया गया था। अब फिर नए सिरे से संगठन को बनाने की बात फिर से शुरू हो गई है। पिछले दिनों कांग्रेस आला कमान ने संगठन के गठन के बारे में नेताओं से फीडबैक भी लिया है। हिमाचल में संगठन बनाना कांग्रेस आलाकमान के लिए आसान काम नहीं होगा।मौजूदा समय प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह हैं। हलांकि कांग्रेस आलाकमान ने अर्की के विधायक संजय अवस्थी को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर संगठन में मौजूद दोनों गुटों में संतुलन स्थापित करने का प्रयास किया है। यह बात भी किसी से छुपी हुई नहीं है कि हिमाचल कांग्रेस में अब भी वीरभद्र गुट और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह का गुट अस्तित्व में है। दोनों गुटों में अक्सर टकराव की खबरें बाहर आती रहती हैं। अब मामला काफी गंभीर हो गया है। कहते हैं मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह का गुट कांग्रेस के मौजूदा वीरभद्र सिंह गुट पर काफी हावी हो चुका है। इस गुट का नेतृत्व कर रही प्रतिभा सिंह कई बार इस ओर इशारा भी कर चुकी हैं कि सरकार में उनके लोगों को स्थान नहीं दिया गया है। यही नहीं कई बार तो यह टकराव इस हद तक भी चला गया था कि प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को सरकार बचाने के लाले पड़ गए थे। कहते हैं प्रदेश में हुए उप-चुनाव के बाद हलांकि वीरभद्र गुट काफी कमजोर पड़ गया है। लेकिन एक बार फिर वही जिन बोतल से बाहर आ गया है। यदि प्रदेश में अध्यक्ष पद भी वीरभद्र गुट के हाथ से छिन गया तो प्रदेश की सरकार को पलटने का प्रयास एक बार फिर हो सकता है। कहते हैं कि यही वजह है कि सरकार ने नौ और भाजपा के सदस्यों की सदस्यता रद्द करने बात छेड़ दी है। विपक्षी पार्टी भाजपा भी सरकार को पलटने संबंधी बयान अक्सर जारी करती है ताकि लोगों में यह बात बनी रहे कि यह सरकार कभी भी जा सकती है और इन्हीं बातों के चलते मौजूदा सरकार का कार्यकाल भी समाप्त हो जाए। भाजपा ने लोगों में यह बात चलाई कि प्रदेश सरकार ने जो सीपीएस बनाए थे, आफिस आॅफ प्रोफिट का आरोप लगाकर उनकी सदस्यता भी रद्द करवा दी जाए। हलांकि हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने उनकी इस प्रार्थना को खारिज कर दिया है। माहौल बनाने के लिए ऐसी बातें की जाती रही हैं। अब नई प्रगति इस मामले में यह हुई है कि कांग्रेस पार्टी को प्रदेश में नया अध्यक्ष बनाना है। जाहिर है श्रीमती प्रतिभा सिंह को अब अध्यक्ष पद से हटना पड़ेगा। यहां सवाल यह खड़ा होता है कि अब नया प्रदेशाध्यक्ष कौन बनेगा और क्या वह वीरभद्र गुट से होगा या मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह अपने किसी खास चहेते को प्रदेशाध्यक्ष की कुर्सी पर बिठा देंगे। वैसे हिमाचल में यही होता चला आया है कि प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री का खास आदमी ही बनता है। यहां चिंता इस बात पर जताई जा सकती है कि यदि वीरभद्र गुट को पूरी तरह किनारे का दिया गया तो कहीं इसकी आंच प्रदेश की सरकार पर तो नहीं आ जाएगी। हो सकता है यही वजह हो कि कांग्रेस ने नौ विधायकों की सदस्यता गुल करने की बात पहले से उछाल दी है। |
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