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अमेरिकी कोर्ट ने फांस लिया अडानी को

आठ लोगों पर धोखाधड़ी के आरोप लगे हैं...

 

विशेष संवाददाता

     शिमला : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करीबी गौतम अडानी को भले ही भारत में तमाम छूट दी गई हों लेकिन अमेरिकी अदालत ने गौतम अडानी की फर्म को फांस लिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिकी इन्वेस्टर्स को गुमराह करते हुए अमेरिका से मोटी रकम की धन उगाही की है। अमेरिका में इस प्रकार के अपराध को काफी गंभीरता से लिया जाता है। उन्हें अमेरिकी पुलिस गिरफ्तार भी कर सकती है। फिलहाल उनका एक भतीजा इस झमेले में फंसा हुआ है।
     इससे दुनियां के सबसे बड़े धनकुबे में शुमार गौतम अडानी को बड़ा झटका लगा है। अमेरिका की एक अदालत ने कथित घूसकांड के मामले में देश के दूसरे सबसे बड़े बिजनेसमैन गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अदालत ने लगभग 2,029 करोड़ रुपए की रिश्वतखोरी में अडानी और सात अन्य लोगों को प्रथम दृष्टया दोषी माना है।
     पिछले दिनों न्यूयार्क की फेडरल कोर्ट में हुई सुनवाई में गौतम अडानी समेत आठ लोगों पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी और रिश्वत के आरोप लगे हैं। यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का कहना है कि अडानी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कांट्रैक्ट हांसिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डालर (करीब 2,029 करोड़ रुपए) की रिश्वत दी है या ऑफर की है। यह पूरा मामला अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है। 24 अक्तूबर, 2024 को यह मामला यूएस कोर्ट में दर्ज किया गया जिसकी सुनवाई चल रही है। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव हुए और मोदी के करीबी मान जाने वाले डॉनाल्ड ट्रंप अमेरिका के नए राष्ट्रपति चुने गए हैं।
     भारत में यह कयास अभी से लगाए जाने लगे हैं कि मोदी के दोस्त ट्रंप मोदी की मदद से गौतम अडानी और उनके ग्रुप को बचा लेंगे। लेकिन अमेरिकी कानून और वहां की जांच एजंसियों के बारे में कहा जाता है कि वह इस प्रकार के अपराधिक मामलों में किसी को नहीं छोड़ते हैं। यह मामला अमेरिका में नागरिकों के अधिकारों को बचाने का है और नगरिकों की सुरक्षा के अधिकार को बचाने के लिए अमेरिकी सरकार किसी भी हद तक जा सकती है। कहा तो यह भी जा रहा है कि यदि यह मामला अमेरिकी कानून के अनुसार आगे बढ़ा तो इससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मुसीबत में आ सकते हैं। पूरे देश की निगाहें इसी बात पर टिकी हुई हैं कि क्या गौतम अडानी इस मामले में अमेरिकी जांच एजंसियों के हत्थे चढ़ जाएंगे या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने प्रभाव के चलते अपने प्रिय मित्र को बचाने में सफल हो जाएंगे।
     उधर खबरें यह भी आ रही हैं कि इस मामले की गूंज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हो गई है और कुछ देशों ने अडानी के साथ संबंधत तोड़ने शुरू कर दिए हैं। नौरोबी से खबर आ रही है कि अमेरिका से कथित घूसखोरी की खबर सामने आते ही केन्या सरकार ने अडानी ग्रुप के साथ 21 हजार करोड़ से ज्यादा की सभी डील रद्द करने की घोषणा कर दी है। सरकार ने अडानी ग्रुप के साथ 30 साल के लिए 736 मिलियन डालर यानी 6,217 करोड़ रुपए की पावर ट्रांसमिशन डील की थी। इस डील के तहत केन्या में बिजली ट्रांसमिशन के लिए बुनियादी ढांचा तैयार करना था। इसके अलावा, अडानी ग्रुप का 1.8 बिलियन डालर यानी 15.20 हजार करोड़ रुपए का प्रस्ताव भी था, जिसमें एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के विस्तार करना था, लेकिन ये दोनों डील अब रद्द कर दी गई है।

 
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