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हिमाचल में वाहनों का चालान करने में पुलिस ने अति कर दी

चालान से एकत्र राशि की बजट में चरचा हो...

विशेष संवाददाता

     शिमला : हिमाचल पुलिस ने वाहनों के चालान करने में अति कर दी है। कहा जा सकता है कि वाहनों के चालान से ही हिमाचल प्रदेश के बजट में करोड़ों रुपए एकत्र हो जाते हैं। जब वाहनों के चालान से ही प्रदेश सरकार को करीब 100 करोड़ के राजस्व का लाभ प्राप्त होता है तो इसकी बजट में विशेष रूप से चरचा होनी चाहिए। जिस प्रकार से आंकड़े सामने आ रहे हैं उसे देखकर लगता है कि चालान की मार प्रदेश में आने वाले पर्यटकों पर सबसे ज्यादा पड़ती है।
     हिमाचल पुलिस भले ही अपराधियों को पकड़ने में ढीली ढाली रही हो लेकिन वाहनों के चालान काटने में वह देश की अव्वल पुलिस कही जा सकती है। प्रदेश भर में वर्ष 2025 में जनवरी से जून माह अर्थात आधे वर्ष में ही 7,09,026 वाहनों के चालान कर डाले हैं। कहा जा सकता है कि वर्ष पूरा होते होते यह आंकड़ा 14 लाख चालान से आगे निकल जाएगा। इन चालानों में से 1,94,076 वाहनों के चालानों का निपटारा करके पुलिस ने 19 करोड़ 93 लाख 151 रुपये जुर्माने के रूप में वसूल किए हैं।
     पिछले वर्ष 2024 के मुकाबले में इस वर्ष 2025 में चालानों का आंकड़ा अब तक दो गुण बढ़ गया है। पिछले पूरे वर्ष 2024 में 4,12,050 चालान किए गए थे और इस वर्ष 2025 में छह माह में ही 7,09,026 वाहनों के चालाना किए जा चुके हैं। करीब दो लाख चालान का निपटारा करके ही पुलिस ने करीब 20 करोड़ रुपए कमा लिए थे। जबकि अभी आधे वर्ष के ही शेष पांच लाख चालान के भुगतान से ही करीब 20-25 करोड़ रुपए पुलिस ने और कमाने हैं। यह भी अनुमान लगाया जा सकता है कि हिमाचल पुलिस वर्ष भर में करीब 100 करोड़ की कमाई करके प्रदेश सरकार को देगी।
     जो चालान इस आधे वर्ष में अब तक हुए हैं उनमें ड्रंक एंड ड्राइव के 7693 चालान, वाहन चलाते समय मोबाइल चलाने पर 6497 चालान, बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर 9796 चालान बिना हेल्मेट के दोपहिया वाहन चलाने पर 1,52,524 चालान किए गए हैं। कहते हैं कि पुलिस चालान काटने के मामले में जीरो डालरेंस की नीति पर कार्य करने लगी है। जरा सी चूक हुई की मोबाइल पर चालान की पावती मिल जाती है। कहीं इतने अधिक चालान प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने के लिए तो नहीं करवाए जा रहे हैं।
     उन्नत उपकरणों का उपयोग यातायात पुलिस नियमित रूप से एल्को सेंसर और स्पीड गन का उपयोग करती है जो सड़क सुरक्षा बनाए रखने में जांच अधिकारियों की सहायता करते हैं। प्रदेश में छह माह में आईटीएमएस से करीब अढ़ाई लाख वाहनों के चालान किए गए हैं। इस आधे वर्ष में पुलिस जिला बद्दी में 56935, बिलासपुर में 71292, चंबा में 30611, जिला देहरा में 11285, हमीरपुर में 43973, कांगड़ा में 36844, किन्नौर में 12750, कुल्लू में 84741, लाहुल-स्पीति में 8391, मंडी में 1,28,002, पुलिस जिला नुरपुर में 15946, शिमला में 55660, सिरमौर में 44361, सोलन में 37599 और ऊना में 70636 वाहनों के चालान किए गए हैं।
     यह भी बताया जा रहा है कि विश्व बैंक द्वारा प्रायोजित सड़क सुरक्षा परियोजना और परिवहन विभाग की वित्त पोषण योजना के तहत पुलिस ने चालान काटने पर जो दे रखा है। सार्वजनिक सुरक्षा, विशेष रूप से साइबर अपराध, मादक पदार्थों और सड़क सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को उजागर करते हुए कई आधुनिक उपकरण पुलिस ने हांसिल किए हैं। आधुनिक उपकरणों का एकीकरण राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर 66 से अधिक यातायात प्रबंधन प्रणालियां चालू हैं।

 
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