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हिन्‍दी साप्‍ताहिक समाचार पत्र

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हिंडनबर्ग रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट

     हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट से एक बार फिर हंगामा मचा हुआ है। लोग कहते हैं, देखना है कि इस बार सुप्रीम कोर्ट इस नई रिपोर्ट से किस तरह निपटता है। पिछली बार तो सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को जांच करने के आदेश दिए थे और उस जांच के आधार पर हिंडनबर्ग के हवाले से आई रिपोर्ट को खारिज कर दिया गया था। इस बार हिंडनबर्ग ने सेबी की चेयर परसन माधवी पुरी बुच को ही संदेह के घेरे में ला खड़ा किया है। पूरे देश और दुनियां की निगाहें अब भारतीय सुप्रीम कोर्ट पर लगी हुई हैं। देखना है कि हिंडनबर्ग की इस नई रिपोर्ट को आधार बनाकर कौन सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करता है और सुप्रीम कोर्ट इस पर रिपोर्ट पर क्या व्यवहार करता है। कांग्रेस के प्रदर्शन से अब मामला पहले से ज्यादा संगीन हो गया है। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने जिस सेबी को पुरानी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए आरोपों की जांच करने को कहा था उसकी चेयर परसन श्रीमती बुच गौतम अडानी समूह की एक शैल कंपनी में निवेश किए हुए बैठी थी। हलांकि श्रीमती बुच का कहना है कि उन्होंने अपना निवेश कंपनी से वापस ले लिया था।       जारी..

 

सिसोदिया के फैसले से केजरीवाल का आस

     दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के जेल से बाहर आने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को भी आस है कि वह भी मनीष सिसोदिया की तरह जेल से बाहर आ जाएंगे। सिसोदिया को जमानत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जो कहा उसी बात का प्रचार आम आदमी पार्टी के लोग कर रहे हैं। मनीष सिसोदिया भी अब पूरी तरह चुनावी रंगत में आ गए हैं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की खिंचाई करते हुए कहा है कि बिना सुनवाई के लंबे समय तक जेल में रहने से मनीष सिसोदिया त्वरित सुनवाई व शीघ्र न्याय मिलने के अधिकार से वंचित कर दिया गया। बार बार जमानत याचिका खारिज होने से परेशान सिसोदिया को आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देकर बढ़ी राहत प्रदान कर दी है। सुनवाई करने वाली खंडपीठ ने ट्रायल कोर्ट व हाईकोर्ट के लिए कहा, यह सिद्धांत नहीं भूलना चाहिए था कि जमानत नियम और जेल अपवाद हैं। बस यहीं से आम आदमी पार्टी की आस जग गई है कि अब केजरीवाल भी जमानत पर बाहर आ जाएंगे।      जारी...

 

एटीएम में सुरक्षा कर्मी नहीं था, 19 लाख ले उड़े

     स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की लापरवाही के कारण चोर एटीएम से 19 लाख रुपए चुराकर फरार हो गए। यदि बैंक ने पहले की तरह एटीएम में सुरक्षा कर्मी तैनात किया होता तो शायद इस प्रकार से एटएम तोड़कर नकदी चुराने की यह घटना घटित न होती। पुलिस ने सभी बैंकों से कहा है कि वह एटीएम में अपने सुरक्षा कर्मी तैनात करके रखें। हिमाचल प्रदेश में देखने में आया है कि अधिकतर बैंकों ने एटीएम से अपने सुरक्षा कर्मी हटा लिए हैं। जबकि पहले हर एटीएम में बैंकों के सुरक्षा कर्मी तैनात रहते थे। पिछले दिनों बद्दी के एसबीआई में यदि रात के समय सुरक्षा कर्मी तैनात रहता तो शायद चोर रात के समय एटीएम को काटकर 19 लाख रुपए लेकर चंपत न हो पाते। शायद बैंक अपने कर्मचारियों में कटौती करते करते यहां तक पहुंच गए हैं कि उन्होंने अपने एटीएम को राम भरोसे छोड़ दिया है। इन एटीएमस में करोड़ों रुपए की नकद राशि रखी जाती है। इसे भी बैंक सिर्फ सीसीटीवी कैमरे के भरोसे छोड़कर चले जाते हैं। इसका नतीजा यह निकला कि बद्दी के एटीएम में 19 लाख रुपए की चोरी हो गई और किसी को कानों कान खबर तक नहीं हुई।         जारी...

 

शहीदों का बलिदान दूसरी ओर लुटेरों पर सरकार मेहरबान

     एक ओर लांस नायक प्रवीण शर्मा आतंकवादियों से लोहा लेते हुए देश के लिए शहीद हो रहे थे, वहीं हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया जा रहा था कि सीबी की चीफ माधवी पुरी बुच ने किस प्रकार अडानी कंपनी को किस प्रचार से सुप्रीम कोर्ट में बचा लिया। यदि श्रीमती बुच के बारे में उजागर हुई रिपोर्ट सत्य निकलती है तो यह किसी देशद्रोह से कम नहीं है। इसी दिन जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में हुई मुठभेड़ में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के लांस नायक प्रवीण शर्मा (28) बलिदान हो गया। पूरा प्रदेश एक ओर जहां अपने वीर सपूत के शहीद होने की खबर सुन रहा था वहीं दूसरी ओर हिंडनबर्ग के उस खुलासे पर भी नजरें गढ़ाए बैठा था जहां बताया जा रहा था कि शेयर बाजार पर नियंत्रण रखने वाली भारत की सर्वोच्य संस्था की मुख्या माधवी पुरी बुच ने किस प्रकार अरबों-खरबों के शेयर घोटाले में फंस रहे अडानी ग्रुप को बचाने में मदद पहुंचाई। कहते हैं कि अडानी ग्रुप की शैल कंपनियों में श्रीमती बुच के परिवार का पैसा लगा हुआ था।       जारी...

 

ईडी ने हिमाचल की नि:शुल्‍क स्‍वास्‍थ्‍य सेवा में धांधली पकड़ी

     पिछले दिनों ईडी ने हिमाचल में चल रही सरकारी निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं में हो रही धांधली को पकड़ लिया। ऐसे में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल क्या कर रहे हैं। हिमाचल सरकार ने जहां बीमारी के इलाज के लिए जारी निःशुल्क स्वास्थ्य कार्ड हिमकेयर की सेवाएं निजी अस्पतालों में बंद कर दी है। वहीं केन्द्र सरकार द्वारा जारी फर्जी आयुष्मान कार्ड से करोड़ों रुपए की धंधली मामले में ईडी को छापेमारी के दौरान 88 लाख नकद, चार बैंक लॉकर, 140 बैंक खाते मिले हैं। मुख्यमंत्री सुखविदर सिंह ने ईडी की कार्यवाही के बाद हिमकेयर कार्ड योजना में भारी घोटाले की संभावनाएं जताई है। कहा जा सकता है कि निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा के धंधे में भारी घोटाला होता रहा और प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग सोता रहा। अब आगे आकर मुख्यमंत्री इस धांधली को रोकने की बात कर रहे हैं। ईडी की छापेमारी में हिमकेयर और अन्य स्वास्थ्य योजनाओं के दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। फर्जी आयुष्मान कार्ड से 25 करोड़ के फ्रॉड का दावा किया जा रहा है। ईडी ने पिछले दिनों दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब और हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, ऊना, शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में के 20 स्थानों पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत छापेमारी की थी।  जारी...

 

कितना पिछड़ गए हम 75वें स्‍वतंत्रता दिवस तक आते

     यह सबसे दुःखद पहलु है कि हम भारत के लोग अपने 75वें स्वतंत्रता दिवस तक आते आते दुनियां की रेस में बहुत पीछे रह गए हैं। हमारा यह पिछड़ापन सामाजिक सोच से लेकर आर्थिक, धार्मिक, व्यवसायिक, भुखमरी, गरीबी और न जाने कितने क्षेत्रों में स्पष्ट नजर आता है। शिक्षा और स्वास्थ्य में भी हम उन ऊंचाइयों को नहीं छू सके जहां विश्व के अन्य देश खड़े नजर आ रहे हैं। आंकड़ों के जाल में भले ही भारत वर्ष को कितना भी उच्च श्रेणी का हमारे नेता लोग बता देते हैं परंतु धरातल की वास्तविकता यही है कि उपरोक्त किसी भी क्षेत्र में हम पूरे देश को आगे नहीं ले जा सके हैं। इसके लिए कोई भी दोषी नहीं है हम भारत के लोगों के अतिरिक्त। क्योंकि हमारे संविधान निर्माता इस देश को हम भारत के लोगों के हवाले करके गए हैं। यहां हम किसी भी राजनेता या सरकार को भारत के पिछड़ेपन का कारण नहीं बता रहे हैं क्योंकि उन्हें चुनने का अधिकार भी हमारे संविधान निर्माता हम भारत के लोगों को ही सौंपकर परलोक चले गए थे।        जारी...

 

पिछले वर्ष की बरसाती तबाही का खौफ पर्यटकों पर

     हिमाचल में पिछले वर्ष की बरसाती तबाही का खौफ अभी लोगों के मन से उतरा भी नहीं था कि इस बरसात ने भी कई स्थानों पर अपना रौद्र रूप दिखा दिया। हलांकि पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष कुछ स्थानों पर ही भारी तबाही हुई है और प्रदेश सरकार तुरंत एक्शन मोड में भी आ गई है। पहाड़ों के दरकने का सिलसिला बरसात के साथ साथ जारी है। इससे हिमाचल प्रदेश में आने वाले पर्यटकों ने तो पहले से ही तौबा कर ली है। हिमाचल में इस बार भी प्राकृतिक आपदा के चलते पर्यटन कारोबार को फिर बड़ा झटका लगा है। पर्यटन स्थल सूने हो गए हैं। अब बरसात के बाद यह फिर आबाद हो पाएंगे इसकी गुंजाइश भी काफी कम है। क्योंकि बरसात के बाद मैदानी इलाकों में भी गर्मी का प्रकोप काफी कम हो जाता है। एक दिन ली गई रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल में अब तक तीन हजार सैलानियों ने बुकिंग रद्द या होल्ड कर दी थी। इसके अलावा ट्रैकिंग ट्रिप पर जाने का कार्यक्रम भी सैलानियों ने स्थगित कर दिए हैं।पहाड़ों के दरकने की रिपोर्ट जिस प्रकार सोशल मीडिया में दिखाई जा रही है उससे टैªकिंग के शौकीन भी अपना कार्यक्रम रद्द करके बैठ गए हैं।        जारी

 

बंग्‍लादेश में सरकार ने हिन्‍दुओं से माफी मांगी

     बांग्लादेश में हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार व हमलों के बाद वहां के अल्पसंख्यकों ने भी बड़े प्रर्दशन शुरू कर दिए हैं। नव गठित अंतरिम सरकार ने इसके लिए माफी भी मांग ली है। गृह मामलों के सलाहकार ब्रिगेडियर जनरल (सेवानिवृत्त) एम. सखावत हुसैन ने कहा कि हम हिंदू समुदाय को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहे। इसके लिए हम माफी मांगते हैं। अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रो. मुहम्मद युनूस ने भी पीएम नरेन्द्र मोदी को बांग्लादेश में हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का आश्वासन दिया है। सरकार की ओर से ब्रिगेडियर हुसैन ने कहा है कि यह हमारे धर्म का भी हिस्सा है कि हमें अल्पसंख्यकों की रक्षा करनी चाहिए। हम अराजकता के दौर से गुजर रहे हैं। पुलिस खुद अच्छी स्थिति में नहीं है इसलिए मैं समाज के बहुसंख्यकों से आग्रह करता हूं कि वह अल्पसंख्यक हिंदू भाइयों की रक्षा करें। वह हमारे भाई हैं हम बंग्लादेश में सभी एकसाथ पले बड़े हैं। वह यह भी कहते हैं कि अल्पसंख्यक भाइयों की सुरक्षा करना बहुसंख्यक समुदाय का कर्तव्य है।     जारी

संपाकीय          स्‍पीकर के खिलाफ आक्रोश

     स्पीकर लोकसभा का हो या राज्यसभा का इनके खिलाफ सदन में आक्रोश पैदा होना लोकतंत्र के लिए काफी घातक है। इससे भी घातक यह है कि जब उन पर पक्षपात के आरोप लग रहे हों। भारतवर्ष में कुछ स्थिति इसी प्रकार की है। पिछले दिनों देखने में आया कि लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला और राज्यसभा के स्पीकर ओ.पी. धनकड़ के खिलाफ विपक्षी सांसदों में काफी रोष पाया गया। हालात आविश्वास प्रस्ताव लाने तक पहुंच गए थे। अभी भी यह संभावनाएं खत्म नहीं हुई हैं कि यह अविश्वास प्रस्ताव कब सदन में ला दिया जाए।
     प्रजातंत्र में दोनों सदनों के सभापति को गैर राजनैतिक दल से प्रभावित सदस्य माना जाता है। उससे अपेक्षा की जाती है कि वह स्पीकर बनाने के बाद पूर्ण निष्पक्षता से सदन का संचालन करेंगे। भारतीय संसद अब स्पीकर के प्रति विश्वास खत्म होने की स्थिति तक आ पहुंचा है। अब राज्यसभा के स्पीकर का जहां तक प्रश्न है उन्हें इंपीचमेंट करके ही सदन से हटाया जा सकता है। यह काफी मुश्किल काम भी लगता है। लेकिन लोकसभा के स्पीकर को साधारण बहुमत से ही हटाया जा सकता है। कहा जा सकता है कि मोदी सरकार के जाने का समय जब आएगा तो सबसे पहले लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला की छुट्टी होगी। पहले और अब भी उन पर आरोप लग रहे हैं कि वह सदन में पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाए हुए हैं। ऐसे अनगिनत उदाहरण देश के जनता के समक्ष भी विपक्षी पार्टियां रख चुकी हैं।   ...जारी

 

सुनीता विलियम्‍स की सकुशल वापसी की चिंता

     वाशिंगटन से आ रही खबरों में बताया जा रहा है कि अंतरिक्ष में फंसी भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी में अभी लंबा समय लगेगा। इन खबरों से जहां अमेरिका में चिंता है वहीं भारत में भी सुनीता विलियम्स की सकुशल धरती पर वापसी की प्रार्थना की जा रही है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा कि स्टारलाइनर के साथ गए अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाने की योजना बनाते समय सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। इस योजना के तहत स्टारलाइनर के अंतरिक्ष यात्रियों की धरती पर वापसी की योजना बनाते समय एक विकल्प के तहत दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की 2025 में पृथ्वी पर वापसी हो सकती है। इस योजना में बोइंग की प्रतिद्वंद्वी स्पेसएक्स भी शामिल है। कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने कहा है कि नासा का मुख्य विकल्प बुच और सुनीता को स्टारलाइनर अंतरिक्षयान से वापस लाना है। उन्होंने कहा कि हम स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल का इस्तेमाल पर विचार कर रहे हैं। नासा अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के लिए स्टारलाइनर का उपयोग करने के लिए तैयार नहीं है।         जारी

 

हरियाणा व जेके चुनाव

     भारतीय चुनाव आयोग ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तिथियों का ऐलान कर दिया है। केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और एक अक्तूबर को मतदान होगा। चुनावों के परिणाम चार अक्तूबर को निकलेंगे। पिछली बार हरियाणा के साथ हुए महाराष्ट्र के चुनावों को इस बार आगे खिस्का दिया गया है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 व 35-ए के खत्म होने के दावे के बाद और पुराने जम्मू-कश्मीर को विभाजित करने के बाद केंद्रशासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर के उस हिस्से में पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, जहां केन्द्र शासित प्रदेश के साथ विधानसभा का प्रावधान मोदी सरकार ने किया था। इन चुनावों को सरकार की अग्निपरीक्षा माना जा रहा है। हाल के लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर में 1980 के बाद पहली बार पांच चुनाव क्षेत्रों में 58 फीसदी मतदान हुआ था। उधर हरियाणा में एक ही चरण में सभी 90 सीटों पर एक अक्तूबर को मतदान होगा। राज्य में इस बार मतदान व मतगणना दोनों 20 दिन पहले हो रहे हैं।         जारी

 

फोगाट ओलंपिक से बाहर हुई या करवाई गई

     महिला पहलवान विनेश फोगाट ओलंपिक से बाहर हुई या करवाई गई। यह प्रश्न उनके ओलंपिक से लौटने के बाद और देश में जोरदार स्वागत होने के बाद उठने लगा है। इसका कारण भी सभी जानते हैं कि भारतीय कुश्ती संघ और भारत सरकार से उसके संबंध कैसे रहे हैं। इस बार के ओलंपिक खेलों में अन्य भारतीय एथिलीटों प्रदर्शन वैसा ही रहा जैसे की उनसे अपेक्षा पहले से की जा रही थी। इस बार फोगाट के लिए ओलंपिक खेल बहुत निराशजनक रहा। वह फाइनल खेलने से पहले ही पदक की दौड़ से बाहर कर दी गई। भारत के खेल प्रेमियों को उनसे गोल्ड मैडल की आस बंध गई थी। अचानक खबर आई कि 50 किलोग्राम वर्ग में उसे 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण पूरी तरह से डिस्क्वालीफाई कर दिया गया। इसके बाद कई प्रकार के संदेह इस फैसले पर खड़े किए जा रहे हैं। यहां सबसे बड़ा संदेह इस बात पर व्यक्त किया जा रहा है कि क्या विनेश फोगाट का वजन फाइनल खेलने से पहले ही किया गया जिसमें वह 100 ग्राम अधिक पाई गई।         जारी

 

सुप्रीम कोर्ट ने नीट पूरी तरह रद्द करने से किया इंकार

     सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रश्नपत्र लीक की चिंताओं के बीच उसने राष्ट्रीय पात्रता-सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (नीट-यूजी) 2024 इसलिए रद्द नहीं की क्योंकि इसकी शुचिता में व्यवस्थागत चूक नहीं पाई गई है। यह मामला देश भर में काफी चरचा में रहा था। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेवी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्र की पीठ ने पिछले दिनों सुनाए गए आदेश के विस्तृत कारणों में कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को अपना ढुलमुल रवैया बंद करना चाहिए क्योंकि यह छात्रों के हित में नहीं है। नीट यूजी 2024 में पेपर लीक सिर्फ पटना और हजारीबाग तक ही सीमित था। पीठ ने कई निर्देश जारी किए तथा एनटीए के कामकाज की समीक्षा करने और परीक्षा सुधारों की सिफारिश करने के लिए केंद्र की ओर से इसरो के पूर्व प्रमुख के राधाकृष्णन की अध्यक्षता में गठित समिति के दायरे का विस्तार किया। साथ ही समिति से परीक्षा प्रणाली में कमियों को दूर करने के लिए विभिन्न उपायों पर अपनी रिपोर्ट 30 सितंबर तक प्रस्तुत करने को भी कहा है। पीठ ने 23 जुलाई के अपने फैसले में नीट परीक्षा दोबारा कराने की गुहार ठुकरा दी थी।       जारी

 

सोलन समाचार

 

हिमाचल समाचार

मेयर को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

सोलन के सपरून में बनी वैंडर मार्केट पूरी तरह से फेल

अधिकारी बनकर ठगने वाला गिरफ्तार

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पुलिस ने पूर्व की घटनाओं से सबक नहीं लिया

सरकार ने शिक्षक पुरस्‍कार देने की प्रणाली को बदल दिया

सरकार शिक्षकों की भर्ती टाल रही है

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सोलन (हिमाचल प्रदेश)

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