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फोगाट ओलंपिक से बाहर हुई या करवाई गई

फैसले पर अब भी संदेह किया जा रहा है...

निजी संवाददाता

     शिमला : महिला पहलवान विनेश फोगाट ओलंपिक से बाहर हुई या करवाई गई। यह प्रश्न उनके ओलंपिक से लौटने के बाद और देश में जोरदार स्वागत होने के बाद उठने लगा है। इसका कारण भी सभी जानते हैं कि भारतीय कुश्ती संघ और भारत सरकार से उसके संबंध कैसे रहे हैं। इस बार के ओलंपिक खेलों में अन्य भारतीय एथिलीटों प्रदर्शन वैसा ही रहा जैसे की उनसे अपेक्षा पहले से की जा रही थी।
     इस बार फोगाट के लिए ओलंपिक खेल बहुत निराशजनक रहा। वह फाइनल खेलने से पहले ही पदक की दौड़ से बाहर कर दी गई। भारत के खेल प्रेमियों को उनसे गोल्ड मैडल की आस बंध गई थी। अचानक खबर आई कि 50 किलोग्राम वर्ग में उसे 100 ग्राम वजन अधिक होने के कारण पूरी तरह से डिस्क्वालीफाई कर दिया गया। इसके बाद कई प्रकार के संदेह इस फैसले पर खड़े किए जा रहे हैं। यहां सबसे बड़ा संदेह इस बात पर व्यक्त किया जा रहा है कि क्या विनेश फोगाट का वजन फाइनल खेलने से पहले ही किया गया जिसमें वह 100 ग्राम अधिक पाई गई। यदि सेमीफाइनल दौर तक उसका वजन 50 किलोग्राम से नीचे था तो फिर उसे रजत पदक से भी वंचित क्यों कर दिया गया। बस यही वजह है कि पूरे देश में इस फैसले पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। सरकार का रुख इस महिला पहलवान के प्रति पहले भी अच्छा नहीं रहा है। कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और दबंग सांसद बृजभूषण शरण से टकराव की कहानियां लोगों के जहन में आज भी ताजा हैं।

 
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