ईडी ने हिमाचल की नि:शुल्क
स्वास्थ्य सेवा में धांधली पकड़ी
पिछले दिनों ईडी ने हिमाचल में चल रही सरकारी निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं
में हो रही धांधली को पकड़ लिया। ऐसे में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल
धनीराम शांडिल क्या कर रहे हैं। हिमाचल सरकार ने जहां बीमारी के इलाज के लिए
जारी निःशुल्क स्वास्थ्य कार्ड हिमकेयर की सेवाएं निजी अस्पतालों में बंद कर दी
है। वहीं केन्द्र सरकार द्वारा जारी फर्जी आयुष्मान कार्ड से करोड़ों रुपए की
धंधली मामले में ईडी को छापेमारी के दौरान 88 लाख नकद, चार बैंक लॉकर, 140 बैंक
खाते मिले हैं। मुख्यमंत्री सुखविदर सिंह ने ईडी की कार्यवाही के बाद हिमकेयर
कार्ड योजना में भारी घोटाले की संभावनाएं जताई है। कहा जा सकता है कि निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा के धंधे में भारी घोटाला होता रहा
और प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग सोता रहा। अब आगे आकर मुख्यमंत्री इस धांधली को
रोकने की बात कर रहे हैं। ईडी की छापेमारी में हिमकेयर और अन्य स्वास्थ्य
योजनाओं के दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं। फर्जी आयुष्मान कार्ड से 25 करोड़ के
फ्रॉड का दावा किया जा रहा है। ईडी ने पिछले दिनों दिल्ली, चंडीगढ़, पंजाब और
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, ऊना, शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में के 20 स्थानों
पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत छापेमारी की
थी।
जारी...
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कितना पिछड़ गए हम 75वें स्वतंत्रता दिवस तक आते
यह सबसे दुःखद पहलु है कि हम भारत के लोग अपने
75वें स्वतंत्रता दिवस तक आते आते दुनियां की रेस में बहुत पीछे रह गए हैं।
हमारा यह पिछड़ापन सामाजिक सोच से लेकर आर्थिक, धार्मिक, व्यवसायिक, भुखमरी,
गरीबी और न जाने कितने क्षेत्रों में स्पष्ट नजर आता है। शिक्षा और स्वास्थ्य
में भी हम उन ऊंचाइयों को नहीं छू सके जहां विश्व के अन्य देश खड़े नजर आ रहे
हैं। आंकड़ों के जाल में भले ही भारत वर्ष को कितना भी उच्च श्रेणी का हमारे
नेता लोग बता देते हैं परंतु धरातल की वास्तविकता यही है कि उपरोक्त किसी भी
क्षेत्र में हम पूरे देश को आगे नहीं ले जा सके हैं। इसके लिए कोई भी दोषी नहीं
है हम भारत के लोगों के अतिरिक्त। क्योंकि हमारे संविधान निर्माता इस देश को हम
भारत के लोगों के हवाले करके गए हैं।
यहां हम किसी भी राजनेता या सरकार को भारत के पिछड़ेपन का कारण नहीं बता रहे हैं
क्योंकि उन्हें चुनने का अधिकार भी हमारे संविधान निर्माता हम भारत के लोगों को
ही सौंपकर परलोक चले गए थे।
जारी...
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