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हिन्‍दी साप्‍ताहिक समाचार पत्र

Hindi Weekly News Paper of India

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क्‍या फिर होगी जंग

     कश्मीर के पहलगाम से शुरू हुई जंग ने भारत और पाकिस्तान की सेना को आमने सामने खड़ा कर दिया है। दो दिन तक दोनों तरफ से खूब गोला बारूद बरसाया गया। दो दिन बाद दोनों देशों के बीच युद्ध विराम हो गया। अब कई प्रश्न यह खड़े हो गए हैं। कहा जा रहा है कि दोनों के बीच फिर से युद्ध होकर रहेगा। दोनों तरफ से हो रहे बयानों की बौझारें इसी ओर इशारा कर रही है कि जंग एक बार फिर होगी। कई और गतिविधियां यह इशारा कर रही हैं कि युद्ध फिर से होगा क्योंकि दो दिन तक हुए युद्ध का अंत संतोषजनक परिणाम के साथ नहीं हुआ है। दोनों देशों के बीच बैठकर कोई लिखित समझौता भी नहीं हुआ है। इससे यह भी स्पष्ट नहीं हो रहा है कि इस युद्ध में कौन जीता कौन हारा। पहलगाम घटना का बदला लेने के लिए भारत ने आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर गोलाबारी की, इसके विरोध में पाकिस्तान की ओर से भी मिजाइल और ड्रोन भारत पर दगे गए। भारतीय सेना के डिफेंस सिस्टम ने जहां पाकिस्तान के हर हमले को नाकाम कर दिया वहीं भारत ने पाक के करीब नौ आतंकवादी ठिकानों को नेस्तानाबूद कर दिया। सेना की ओर से यह खबरें भी मिली हैं कि ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने पाकिस्तानी सेना के कई ठिकानों को नेस्तानाबूद किया और उसके डिफेंस सिस्टम को भी तबाह कर दिया। भारतीय सेना के डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान की ओर से आई 400 से 500 मिजाइलों और ड्रोनस को हवा में ही मार गिराया।        जारी..

 

राष्‍ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट बताएं

 अनुच्‍छेद 60 किस लिए है ...

संजय हिंदवान

     देश की राष्ट्रपति और देश के सुप्रीम कोर्ट को मिलकर भारत के संविधान के अनुच्छेद 60 के बारे में देश की जनता को साफ साफ बताना चाहिए कि संविधान निर्माताओं ने आखिर इससे किस महत्व से संविधान में रखा है। इस अनुच्छेद में राष्ट्रपति की शपथ है और यहीं से हमारे लोकतंत्र का उदगम हुआ था। देश में आजकल सांसद सुप्रीम कोर्ट पर सीधा आरोप लगा रहे हैं कि वह संसद के अधिकार क्षेत्र पर अतिक्रमण कर रहा है। इसके लिए कई उटपटांग टिप्पणियां भी सुप्रीम कोर्ट पर की गई हैं, उस पर हम नहीं जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने भी महामहिम राष्ट्रपति तक को विधानसभा और संसद द्वारा पारित बिलों के बारे में दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। इन घटनाओं से पूरे देश की न्यायिक व्यवस्था और कार्यपालिका में बड़ा बवाल मचा हुआ है, जिसका अंत आसान नहीं है। नए मुख्य न्यायधीश बी.आर. गवई के पद ग्रहण शपथ समारोह के बाद देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने नए मुख्य न्यायाधीश से 14 सवालों का जवाब सुझाव के रूप में मांग लिया है।        जारी...

 

चौहान का बयान

     तीनों सेनाओं के प्रमुख सीडीएस अनिल चौहान ने पिछले महीने पाकिस्तान के साथ हुई दो दिनों की जंग पर यह खुलासा किया कि इस दौरान भारतीय सेना को भी नुक्सान हुआ है। उन्होंने पूरी सतर्कता बरतते हुए सिंगापुर में एक साक्षातकार के दौराने अपनी बात कही। उन्होंने पत्रकार की बात के जवाब में कहा कि सवाल यह नहीं है कि भारतीय सेना को कोई नुक्सान हुआ, सवाल यह है कि वह नुक्सान क्यों हुआ और उसे कितनी मुस्तैदी से सुधार लिया गया। अब इस पर देश भर में खबरें अजीब ढंग से फैलाई जा रही हैं। यह बात ठीक नहीं है। सभी को इस बात पर गौर करना चाहिए कि सीडीएस ने पत्रकार के सावल के जवाब में क्या शब्द इस्तेमाल किए। कुल मिलाकर उन्होंने माना की पाकिस्तान के साथ जंग में सेना को नुक्सान हुआ और उसे ठीक करके लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया। देश के सभी पायलेट अपना काम करके सुरक्षित लौट आए। देश के लिए इतना ही काफी है कि जंग हुई है तो नुक्सान तो होगा ही, देखना यह है कि सेना पूरे पराक्रम के साथ लड़ी और उसने दुश्मन के दांत खट्टे किए। इसमें कोई शक नहीं है कि सेना को जितना काम दिया था उन्होंने पूरा जोखिम उठाते हुए वह काम कर डाला। अब यह तो राजनीति है कि पांच जहाज गिरा दिए गए या नहीं गिराए, यह पूछना भी ठीक नहीं है।           जारी...

 

बिहार में खिचड़ी पकनी शुरू , तड़का बाकि

     बिहार में चुनावी खिचड़ी पकनी शुरू हो गई हैं, बस तड़का इस बात पर लगना शेष रह गया है कि नितीश कुमार भाजपा के साथ रहेंगे या नहीं। नितीश को भाजपा मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित कर दे यही पूंछ अभी तक फंसी हुई है। एनडीए के अन्य घटक दल स्वतंत्र रूप से चुनाव में कूदने की घोषणा करते जा रहे हैं। नितीश फिलहाल भाजपा के साथ रहना चाहते हैं तभी वह इंडिया गठबंधन के नेताओं को टाइट किए हुए हैं। कांग्रेस के नेता और संसद में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर बिहार पुलिस के पास 32 एफआरआर दर्ज की हैं, वह फिर बिहार जा रहे हैं। अब समय आ गया है कि नितीश को यह फैसला लेने हैं कि उन्हें भाजपा के साथ ही चुनाव मैदान में उतरना है या इंडिया गठबंधन की पक रही खिचड़ी में कूद जाना है। वैसे वह चिराग पासवान की तरह अकेले चुनाव मैदान में आने का फैसला भी ले सकते हैं। कुछ ही दिनों में गठबंधन दलों में सीटों का बंटवारा होने वाला है फिर स्थिति और अधिक स्पष्ट हो जाएगी। मुख्यमंत्री नितीश कुमार नहीं चाहते हैं कि राहुल गांधी बिहार में आकर विपक्ष को मजबूत करने का प्रयास करें। क्योंकि अगर नितीश को भाजपा के साथ ही चुनाव लड़ना पड़ा तो उनके गठबंधन पर राहुल गांधी के कार्यक्रम ही भारी पड़ जाएंगे। आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव पहले ही एनडीए की छाती पर चढ़कर बोल रहे हैं।      जारी...

 

कांग्रेस का अध्‍यक्ष बदलना है, कहीं सरकार ही न बदल जाए

     हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष शीघ्र ही बदल दिया जाएगा। अब जो परिस्थितियां छनकर सामने आ रही हैं उसे देखकर कहा जा सकता है कि यहां तख्ता पलट का एक और खेल देखने को मिल जाए। फिलहाल मंत्रियों में ही घुमा फिराकर इस ओर इशारा किया जा रहा है। कहा जा सकता है कि प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है। अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि हाई कमान ने पूछ लिया गया है कि प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष किसे बनाया जा सकता है। वैसे मंडी लोकसभा चुनाव से पीछे हटने के बाद से ही यह कयास लगाए जाने शुरू हो गए थे कि अब प्रतिभा सिंह के स्थान पर किसी नए व्यक्ति को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाएगा। माना यह भी जा रहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की मर्जी का कोई नेता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेगा। यह भी कहा जा रहा था कि भारत पाक युद्ध विराम होने से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह को सभी मंत्रियों और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष के साथ किसी भी समय दिल्ली बुलाया जा सकता है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री दिल्ली गए भी थे। इस दौरान उन्होंने जहां केन्द्र सरकार के मंत्रियों के साथ मुलाकात की वहीं कांग्रेस के कई बड़े नेताओं से भी उनकी मुलाकात हुई है। जाहिर है इस दौरान प्रदेश कांग्रेस संगठन के बारे में भी बात हुई होगी।         जारी...

 

अनुच्‍छेद 370 हटाने के दावों की खुल गई पोल

     भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के समय किए गए दावों की पोल पहलगांव हमले ने खोलकर रख दी है। मोदी सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने का दावा करते हुए कहा था कि सरकार के इस कदम से कश्मीर में लोगों का जीवन अच्छा होगा और यहां के लोगों को पर्यटन व्यापार में काफी लाभ होगा। पिछले दिनों पहलगांव के एक पर्यटन स्थल पर तथाकथित चार आतंकियों ने 26 पर्यटकों का गोलियों से भून दिया। इस घटना के बाद वहां के पर्यटन उद्योग पर ग्रहण लग गया है। लोगों ने उसकी तरफ रुख करना ही छोड़ा दिया। अनुच्छेद 370 को हटाने का दावा करते समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साहित भाजपा के बड़े बड़े नेताओं ने दावा किया था कि सरकार के इस कदम से जम्मू-कश्मीर में अमन चैन व शांति स्थापित हो जाएगी। केन्द्र शासित प्रदेश बना दिए जाने का परिणाम यह निकला कि जब आतंकवादियों ने करीब 2000 लोगों पर गोलियों की बौछार की तो वहां एक भी पुलिस कर्मी मौजूद नहीं था। हैरानी इस बात की है कि सरकार उन आतंकियों को आज तक खोज भी नहीं पाई है। वहां घोड़े से पर्यटकों को पर्यटन स्थल पर ले जाने का कारोबार करने वाले स्थानीय युवक की भी मौत हो गई और एक घायल ने बाद में दम तोड़ दिया।          जारी...

 

डोनाल्‍ड ट्रंप को लेकर भारत में मचा बवाल

     अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पाक सीजफायर को लेकर पूरी दुनियां में चरचा का विषय बने हुए हैं। पहलगाम में आतंकवादी हमले में 28 लोगों के कत्ल के बाद भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो गया था। इसके दो दिन बाद ट्रंप ने यह युद्ध रुकवा दिया था। अमेरिका के इस एक्शन के बाद भारत में बवाल खड़ा हो गया है, कहा जा रहा है ट्रंप कौन होते हैं। ट्रंप जगह जगह जाकर यह भी बता रहे हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच में आकर युद्ध विराम करवा दिया और उन्होंने ही इसकी सबसे पहले घोषणा भी की थी। शिमला समझौते के अनुसार भारत और पाकिस्तान अपने मसलों के बीच किसी की मध्यस्तता को स्वीकार नहीं करेंगे। भारत में इस बात पर बवाल मचा हुआ है कि ट्रंप कौन होते हैं भारत पाक के बीच मध्यस्तता करने वाले। क्या भारत सरकार ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा या पाकिस्तान ने यह पेशकश की। प्रश्न यह उठ रहा है कि भारत ने अमेरिका को मध्यस्तता करने से रोकते हुए उनकी बात क्यों मान ली। विपक्षी पार्टियों ने सीजफायर और पहलगाम की घटना के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग भी की है। प्रधानमंत्री मोदी पर पूरा विपक्ष टूट पड़ा है। इसकी एक वजह यह भी बताई जा रही है कि सभी राजनैतिक दलों के लिए बुलाई गई बैठक में प्रधानमंत्री न तो पहले बार आए और न ही दूसरी बार।            जारी

 

थरूर मोदी की आंख का तारा बने हुए हैं

     कांग्रेस के नेता शशि थरूर आजकल अच्छी खासी चरचा में हैं। इसकी वजह यह है कि भारत सरकार ने जो 51 सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को विभिन्न देशों में भारत का पक्ष रखने के लिए भेजा है उनमें शशि थरूर चुनिंदा काबिल लोगों में से एक हैं। थरूर इसलिए भी अधिक चरचा में हैं क्योंकि कांग्रेसी होते हुए भी वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आंख का तारा बने हुए हैं। उनके व्यक्तित्व को उनकी फर्राटेदार अंग्रेजी काफी निखारती है। वह अपनी बात को डिप्लोमेटिक अंदाज में प्रस्तुत करने में भी माहिर है। कहा जा सकता है कि वह एक योग्य व्यक्ति हैं। लेकिन इस बार जिस प्रकार उनका उपयोग प्रधानमंत्री एक बागी कांग्रेसी नेता के रूप में कर रहे हैं उसकी टीस बहुत से लोगों में है। वह इस दौरे में कुछ नहीं कर पाएंगे क्योंकि जिस मकसद के लिए उन्हें विदेश भेजा गया है वह भारत में ही विफल हो चुका है। प्रधानमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति से जो करार करके आए हैं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिस प्रकार का व्यवहार भारत के साथ कर रहे हैं, उस पर कुछ भी कहने में थरूर व विदेश गए अन्य सांसद असहज ही हैं। थरूर विदेश में भारत का पक्ष किस प्रकार और किस विषय पर रखते हैं उसके कोई मायने नहीं हैं। असल बात यह है कि वह भारत वापस आकर किस राजनीति का हिस्सा बनेंगे।      जारी

संपाकीय          सोफिया कुरैशी बड़े काम आई

     कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम लेते ही उस सैनिक की तस्वीर सामने आ जाती है, जो भारत पाकिस्तान के बीच छिड़ी जंग में सेना की ओर से लोगों को जानकारी देने के लिए प्रवक्ता बनकर टेलिविजन पर आई। उसको यह छोटा सा काम भारतीय सेना की ओर से सौंपा गया था जो उन्होंने बड़ी खूबी के साथ निभाया। जब तमाम टीवी चैनलस उटपटांग रिपोर्टिग कर रहे थे तो लोग सोफिया कुरैशी और व्योम सिंह को सुनते थे और इंतजार करते थे कि वह क्या पुख्ता सूचना लेकर देश के सामने आएंगी। लेकिन सोफिया कुरैशी के नाम से एक शानदार काम अपने आप ही हो गया, जिसकी देश को बहुत जरूरत थी।
     कर्नल सोफिया के बारे में जो बातें की गई उसे हम बक्वास के अतिरिक्त और कुछ नहीं कह सकते हैं। उसके मुस्लिम होने का लाभ देश को यह मिला कि जंग से पहले देश में चल रहा हिन्दू-मुस्लमान एक दम खत्म हो गया देश में हिन्दू-मुस्लिम विवाद पर खबरें आना बंद हो गई। मध्य प्रदेश के मंत्री ने कर्नल सोफिया को आतंकवादियों की बहन क्या कहा पूरा देश मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक पर टूट पड़ा। क्या हाई कोर्ट, क्या सुप्रीम कोर्ट सब जगह से सोफिया के समर्थन में आवाजें आने लगी। आम लोगों ने तो जो फजिहत और लानतें भेजी उससे पूरी दुनियां वाकिफ है।
     अब इसका यह असर देखने को मिला कि जो लंपट भगवा गम्छा पहनकर गली मुहल्ले में रहने वाले गरीब और लाचार मुसलमानों को धमकाते फिरते थे उन्होंने भी अपनी गतिविधियां बंद कर दी। ऐसे मामलों पर वाहियात कमेंट करने वाले सोशलमीडिया ट्रोलरों पर भी एक सर्जिकल स्ट्राइक स्वयं हो गई। इस प्रकार का वमनस्य फैलाने वालों ने जब देखा कि देशवासी हिन्दू-मुस्लिम विवाद को बर्दाश्त नहीं करते हैं तो वह भी छुपकर बैठ गए।        .....जारी

 

हिमाचल की ओर रुख करने लगे हैं ग्रीष्‍मकालीन पर्यटक

     पहलगाम में आतंकवादी घटना के बाद अब देश विदेश के पर्यटकों ने हिमाचल का रुख करना शुरू कर दिया है। जबकि पाकिस्तान से युद्ध की आशंका के चलते हिमाचल प्रदेश के पर्यटन उद्योग को भी एकदम भारी झटका लग गया था। मैदानी इलाकों में तपती धूप के कारण हर वर्ष लाखों पर्यटक पहाड़ों का रुख कर लेते थे। इनमें सबसे अधिक पर्यटक जम्मू-कश्मीर की ओर जाते थे। कश्मीर में आतंकवादी घटने के बाद इस बार ग्रीषमकालीन पर्यटक हिमाचल और उत्तराखंड की ओर आना पसंद कर रहे हैं। युद्ध विराम के बाद अब हिमाचल में पर्यटकों की चहल पहल नजर आने लगी है। इससे पहले हमेशा गर्मी के मौसम में गुलजार रहने वाले हिमाचल के अधिकांश पर्यटन स्थल सुने नजर आ रहे थे। पर्यटकों की कमी से पर्यटन कारोबारियों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आने लगी थी। जून का महीना मनाली, शिमला और धर्मशाला का टूरिस्ट सीजन होता है और इन्हीं गर्मियों के महीने में मनाली के पर्यटन कारोबारी साल भर का खर्चा जुटा लेते हैं। पाकिस्तान के साथ युद्ध विराम के बाद मई का आधा महीना गुजर चुका था, मगर पर्यटकों की संख्या में इजाफा नहीं हो रहा था। हालांकि, बुकिंग और पूछताछ में कुछ इजाफा होने से पर्यटन कारोबार में इजाफा होने की उम्मीद पर्यटन कारोबारियों ने नहीं छोड़ी थी। रोहतांग दर्रा खुलने के बाद भी बर्फ देखने की हसरत में पर्यटक मनाली की ओर नहीं देख रहे थे।       जारी

 

लापरवाह अध्‍यापकों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की तैयारी

     कई स्कूलों के परिक्षा परिणाम काफी निराशाजनक रहे हैं। प्रदेश सरकार के आदेश पर स्कूल शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों के परिणामों का डाटा मंगवा लिया है। जिन स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने में बड़ी लापरवाही बरती गई है उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी और जिन स्कूलों ने सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया है उन्हें जबाव तलब किया जाए। दसवीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम निकले हैं तो सरकार भी पूरे जोश में है। कहीं ऐसा न हो कि बाद में यह सरकार भी पूर्व जयराम सरकार की तरह टांय टांय फिस निकल जाए। कहते हैं हिमाचल बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद अब प्रिंसिपल, हेडमास्टर और शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी सरकार ने कर ली है। सरकार ने जीरो और 25 व 50 फीसदी से कम रिजल्ट देने वाले शिक्षकों का एक हफ्ते के भीतर रिकार्ड मांगा था। इस बार जिन स्कूलों में बोर्ड का रिजल्ट 25 फीसदी से कम होगा, उन स्कूल के प्रिंसिपल और हेडमास्टर की इंक्रीमेंट व प्रमोशन रुक जाएगी। इसके साथ ही जिन शिक्षकों का रिजल्ट विषय वाइज 50 फीसदी से कम होगा, उन शिक्षकों की भी इस साल इंक्रीमेंट और प्रमोशन रोक दी जाएगी। स्कूल शिक्षा निदेशालय के निदेशक की ओर से जिला उपनिदेशकों को उक्त परीक्षा में जीरो या 25 प्रतिशत से कम परिणाम वाले स्कूलों के प्रधानाचार्यों और हेडमास्टर की सूची देने को भी कहा गया है। शिक्षा विभाग ने बीते वर्ष 25 प्रतिशत से कम परिणाम देने वाले 116 स्कूलों के 250 शिक्षकों को नोटिस जारी कर उनका जवाब भी मांगा था।      जारी

 

बिजली बैंकिंग की ओर हिमाचल प्रदेश ने फिर कदम बढ़ाया

     हिमाचल प्रदेश बिजली बैंकिंग की ओर फिर से बढ़ने लगा है। इसी के तहत अब हिमाचल ने पंजाब और छत्तीसगढ़ को बिजली बेचना शुरू कर दिया है। अब हिमाचल गर्मियों में बिजली मैदानी इलाकों को बेचेगा और सर्दियों में उनसे बिजली खरीदेगा। ऐसा हिमाचल पहले भी करता था और अब इसे फिर से शुरू किया जा रहा है। अभी दोनों राज्यों को करीब 60 लाख यूनिट बिजली रोजाना दी जाएगी। जून माह में इसे और बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। कहा जा रहा है कि दोनों राज्यों के साथ बिजली को लेकर अक्तूबर महीने तक का करार कर लिया गया है। आने वाले दिनों में दोनों राज्यों को 100 100 लाख यूनिट बिजली रोजाना बेची जा सकेगी। इसके साथ कुछ दूसरे राज्यों के साथ भी नए करार किए जा सकते हैं। इसके लिए स्टेट लोड डिस्येच सेंटर टेंडर निकालेगा। फिलहाल हिमाचल में बिजली उत्पादन चढ़ा हुआ है। प्रदेश की बिजली परियोजनाओं में सौ फीसदी उत्पादन होना शुरू हो गया है। हिमाचल प्रदेश के लिए राहत की बात यह है कि अब उसे बाहर से बिजली नहीं लेनी पड़ रही, बल्कि अगले करीब पांच महीने तक वह दूसरे प्रदेशों को बिजली बेच सकेगा। जिस तरह से आजकल बारिश का दौर जारी है, उससे बिजली उत्पादन के लिए परियोजनाओं को भरपूर पानी मिल रहा है। पहले ऐसा भी समय था जब बिजली उत्पादन पांच से 10 फीसदी तक रह गया था।     जारी

 

शतरंज में डी. गुकेश को कार्लसन ने हराया

     ओस्लो से आ रही खबरों में बताया गया है कि मौजूदा वर्ल्ड शतरंज चैंपियन डी. गुकेश को नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट 2025 के पहले राउंड में हार का सामना करना पड़ा। उन्हें पांच बार के वर्ल्ड चैंपियन और मौजूदा वर्ल्ड नंबर-1 मैग्नस कार्लसन ने मैच के अंतिम समय में हराया और तीन अंक हासिल किए। भारत के 18 साल के गुकेश ने चार घंटे से ज्यादा देर तक चले क्लासिकल गेम में ज्यादातर समय 34 साल के कार्लसन पर दबाव बनाए रखा, लेकिन इसके बाद भारतीय खिलाड़ी ने एक गलती की, जिसका फायदा उठाकर कार्लसन ने 55 चाल में जीत हासिल कर ली। इस जीत से कार्लसन ने तीन अंक हासिल किए और वह अमेरिकी ग्रैंडमास्टर और वर्ल्ड के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हिकारू नाकामुरा के साथ संयुक्त बढ़त पर हैं। नाकामुरा ने हमवतन फैबियानो कारूआना को हराया। गुकेश डी का पूरा नाम डोम्माराजू गुकेश है। वह चेन्नई के रहने वाले हैं। गुकेश का जन्म चेन्नई में सात मई, 2006 को हुआ था। दूसरे राउंड में अर्जुन से भिड़ेंगे डी गुकेश दूसरे राउंड में गुकेश का सामना हमवतन अर्जुन एरिगैसी से होगा। वहीं, कार्लसन का मुकाबला हिकारू नाकामुरा से होगा।     जारी

 

सोलन समाचार

 

हिमाचल समाचार

सलोगड़ा की 112 बीघा जमीन पर चला 118 का हथोड़ा

स्‍वच्‍छता की दौड़ में सुंदरनगर से पिछड़ा सोलन नगर

अतिक्रमण को लेकर व्‍यापारियों से टकराव

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शिमला की मस्जिद का क्‍या होगा, फिलहाल हाई कोर्ट से राहत

नक्‍शा पास नहीं, तो भरना होगा कॉमर्शियल बिल

क्‍या कर रहे हैं मुख्‍यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्‍खू

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