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ग्रास साप्ताहिक, निर्मल निवास, सपरून, सोलन
(हि.प्र.)
न.-9418104770 |
सलोगड़ा की 112 बीघा जमीन पर चला
118 का हथोड़ा
सतर्कता विभाग शिमला ने किया
हेराफेरी का खुलासा...
निजी संवाददाता
सोलन :
जिला क्लेक्टर सोलन
ने सलोगड़ा के समीप बेल गांव की 112 बीघा जमीन को बेनामी संपत्ति घोषित कर दिया
है। इस संपत्ति में उन लोगों का पैसा लगे होने की पुष्टि की गई है जो हिमाचल के
नहीं थे और धोखा देने के लिए हिमाचल में भूमि खरीदने का अधिकार रखने वाले लोगों
का सहारा लिया गया था। इस मामले में प्रापर्टी डीलरों और राजस्व विभाग के
अधिकारियों की मिली भगत की ओर भी इशारा किया गया है।
स्थानीय निवासी चमन लाल राम कृष्ण ने इस बेनामी संपत्ति
के बारे में वर्ष 2009 में एक शिकायत सतर्कता विभाग शिमला से की थी। इस शिकायत
में बताया गया था कि किस प्रकार स्थानीय प्रापर्टी डीलर ने कई लोगों की जमीन की
पावर आफर अटार्नी बनाकर इस संपत्ति को उन लोगों को बेच दिया था जो हिमाचल में
जमीन खरीदने का अधिकार नहीं रखते थे। एक श्रीमती नारायणी देवी के कई
उत्तराधिकारियों की जमीन तो दो प्रापर्टी डीलरों ने पावर आफ अटार्नी बनाकर ही
खरीद ली थी। आखिरकार जांच के बाद मामला जिला क्लेक्टर सोलन की कोर्ट में आया,
जहां उन्होंने इस संपत्ति को बेनामी संपत्ति घोषित करते हुए सभी तथ्यों को अपने
50 पेज के आदेश में विस्तार से अंकित किया है और एसडीएम नागरिक को आगे की जांच
करने के आदेश भी दिए हैं ताकि पता लगाया जा सके कि शातिरों ने किस प्रकार इसे
अंजाम दिया।
इस आदेश में यह भी बताया गया है कि कुछ मामलों में बिना
म्यूटेशन के जमीन को बेच दिया गया और तबादला भी कर दिया गया। इसमें यह बात भी
उजागर हुई कि राजेश कुमार और नवल किशोर जो हिमाचल के कृषक हैं और प्रदेश में
भूमि खरीदने का अधिकार रखते थे उनके खाते में जो पैसे जमीन को खरीदने के लिए आए
वह दूसरे राज्य के लोग थे। संभवतः वही लोग इस प्रापर्टी को खरीदना चाहते थे।
कहते हैं कि बड़ी सफाई के साथ इस खरीद फरोखत को अंजाम दिया गया ताकि किसी को भनक
न लगे, लेकिन सतर्कता विभाग की जांच में इस डील का खुलासा हो गया। राजस्व विभाग
की मिली भगत इस बात से उजागर हो गई कि बिना म्यूटेशन के सड़क के साथ लगती प्राइम
जमीन को इस सौदे में हड़प कर लिया।
हिमाचल में इस प्रकार से बाहर के लोग संपत्तियां खरीद
लेते हैं। जिन मामलों में शिकायत की जाती है उनकी जांच के बाद दूध का दूध, पानी
का पानी हो जाता है और जो बच जाते हैं वह हिमाचली लोगों के नाम पर संपत्ति के
मालिक बन जाते हैं।
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स्वच्छता की दौड़ में सुंदरनगर से पिछड़ा सोलन नगर
पुरानी नगर परिषद के प्रयासों को नहीं भुलाया जा सकता है
निजी
संवाददाता
सोलन :
स्वच्छ शहर-समृद्ध शहर योजना के तहत किए गए मूल्यांकन में सोलन
नगर निगम सुंदरनगर परिषद से पिछड़ गया है। जबकि जब सोलन नगर निगम नहीं बना था तो
सोलन नगर परिषद पहले पायदान पर आ गई थी। काफी समय तक सोलन हिमाचल के सबसे सुंदर
नगर में शामिल रहा, लेकिन इस बार हुए सर्वे में सोलन सुंदरनगर से पिछड़ गया।
प्रदेश के शहरी विकास विभाग की स्वच्छ शहर-समृद्ध शहर
योजना में प्रदेश के सभी नगर निकायों में सुंदरनगर नगर परिषद ने 96.2 अंक
प्राप्त कर पहला स्थान प्राप्त किया है। नगर निगम सोलन 91 अंकों के साथ दूसरे
स्थान पर है। इस योजना में सोलन ने सभी आठ नगर निगमों को पछाड़ते हुए 91 अंक
हांसिल कर पहला स्थान प्राप्त किया है। कहा जा सकता है कि प्रदेश के नगर निगमों
में सोलन नगर निगम सबसे स्वच्छ शहरों की लिस्ट में है।
नगर परिषद सोलन के समय से ही सोलन को सुंदर बनाने के
प्रयास किए जा रहे थे। उसी के आधार पर शहरी विकास विभाग से सर्वे करवाया था और
सोलन को प्रदेश का सबसे अच्छा और स्वच्छ नगर माना था। भले ही नगर निगम बनने के
बाद स्वच्छता का पुरस्कार सोलन नगर निगम को मिला था लेकिन पूर्व नगर परिषद के
प्रयासों को इसमें भुलाया नहीं जा सकता है। भले ही शहरों की ओवरआल रैंकिंग में
सोलन दूसरे पायदान में है और नगर निगम की लिस्ट में नंबर एक पर बना हुआ है।
लेकिन थोड़े से और प्रयास सोलन को फिर से प्रदेश के सबसे सुंदर शहर की श्रेणी
में ला सकते हैं।
कूड़े के सही निष्पादन में यदि अदालत के दिशा निर्देश का
पूरी तरह से पालन हो जाए और नगर के आसपास लगने वाले कूड़े के ढेर पर नियंत्रण पा
लिया जाए तो पांच अंकों की दूरी को भी आसानी से पाटा जा सकता है। इसके लिए नगर
निगम सोलन को अपनी व्यवस्था में सुधार करना होगा।
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अतिक्रमण को लेकर
व्यापारियों से टकराव
एसडीएम और व्यापारियों ने की बैठक...
निजी संवाददाता
सोलन : पिछले दिनों
अतिक्रमण हटाने आई जिला प्रशासन की टीम और स्थानीय व्यापारियों के बीच
टकराव हो गया। यह टकराव इतना बढ़ गया कि व्यापारियों ने पूरा बाजार बंद करवा
दिया और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। एसडीएम सोलन ने व्यापारियों
को बताया कि किस प्रकार दुकानदारों ने अपनी दुकानों को आगे बढ़ा लिया है।
इस टकराव के बाद सोलन के करीब 50 व्यापारियों ने डीसी
आफिस के हाल में एसडीएम सोलन से बाजार की स्थिति पर वार्तालाप की।
व्यापारियों ने अपनी समस्याएं एसडीएम के सामने रखी और एसडीएम ने
व्यापारियों को समझाया कि जिला प्रशासन को बार बार बाजार में अतिक्रमण को
हटाने के लिए आना पड़ता है। कुछ दुकानदार रेहड़ी फड़ही अपनी दुकानों के सामने
लगवा लेते हैं और उनसे अवैध कब्जे करवाकर पैसे वसूलते हैं।
इस पर व्यापारियों ने कहा कि अब कोई भी दुकानदार अपनी
दुकानों के सामने किसी को फड़ही नहीं लगाने देगा और यदि कोई ऐसा करता हुआ
पाया जाएगा तो उसका 30,000 रुपए का चालान किया जाए। व्यापार मंडल इस मामले
में कोई आपत्ति दर्ज नहीं करेगा। इसके अलावा दुकानों के कोलीडोर की बात भी
एसडीएम ने व्यापारियों को बताई कि कुछ दुकानदारों ने पैदल चलने वाले लोगों
के लिए बनाए गए कोलीडोर पर कब्जा कर लिया है और कुछ ने तो अपनी दुकानें के
शटर भी कोलीडोर को कब्जा करते हुए लगा लिए हैं। इन्हें हटाए जाने की जरूरत
है। व्यापारियों ने कहा कि अतिक्रमण के दौरान किसी से कोई भेदभाव नहीं होना
चाहिए और उन्हें पहले हिदायत दी जानी चाहिए।
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मानसून की एंट्री हो गई है
निजी
संवाददाता
सोलन :
अभी सर्दियां ठीक से गई भी नहीं कि कुछ ही दिनों में सोलन और आसपास के क्षेत्र
में लंबी बरसात के दर्शन हो गए। पिछले दिनों यहां रात के समय करीब 12 घंटे तक
लगातार बरसात हुई। लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि यह तो मानसून की शुरूआत लगती
है।
बताया जा रहा है कि देश में मानसून की एंट्री हो गई है।
यह भारत की मुख्य भूमि पर पिछले 16 वर्षों में मानसून का सबसे पहले आगमन है। इस
बार अपने तय वक्त से आठ दिन पहले ही मानसून ने केरल में दस्तक दे दी है। भारत
के मौसम विभाग ने इसकी जानकारी दी। पिछली बार राज्य में मानसून इतनी जल्दी 2009
और 2001 में आया था, जब यह 23 मई को राज्य में पहुंचा था। केरल में मानसून के
आगमन की सामान्य तिथि पहली जून है। साल 2024 में मानसून ने 30 मई को दस्तक दी
थी।
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