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लापरवाह अध्‍यापकों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की तैयारी

10वीं व 12वीं के परिणामों के बाद एक्‍शन में सरकार...

विशेष संवाददाता

     शिमला : कई स्कूलों के परिक्षा परिणाम काफी निराशाजनक रहे हैं। प्रदेश सरकार के आदेश पर स्कूल शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों के परिणामों का डाटा मंगवा लिया है। जिन स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने में बड़ी लापरवाही बरती गई है उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी और जिन स्कूलों ने सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त नहीं किया है उन्हें जबाव तलब किया जाए। दसवीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम निकले हैं तो सरकार भी पूरे जोश में है। कहीं ऐसा न हो कि बाद में यह सरकार भी पूर्व जयराम सरकार की तरह टांय टांय फिस निकल जाए।
     कहते हैं हिमाचल बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट आने के बाद अब प्रिंसिपल, हेडमास्टर और शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी सरकार ने कर ली है। सरकार ने जीरो और 25 व 50 फीसदी से कम रिजल्ट देने वाले शिक्षकों का एक हफ्ते के भीतर रिकार्ड मांगा था। इस बार जिन स्कूलों में बोर्ड का रिजल्ट 25 फीसदी से कम होगा, उन स्कूल के प्रिंसिपल और हेडमास्टर की इंक्रीमेंट व प्रमोशन रुक जाएगी। इसके साथ ही जिन शिक्षकों का रिजल्ट विषय वाइज 50 फीसदी से कम होगा, उन शिक्षकों की भी इस साल इंक्रीमेंट और प्रमोशन रोक दी जाएगी।
     स्कूल शिक्षा निदेशालय के निदेशक की ओर से जिला उपनिदेशकों को उक्त परीक्षा में जीरो या 25 प्रतिशत से कम परिणाम वाले स्कूलों के प्रधानाचार्यों और हेडमास्टर की सूची देने को भी कहा गया है। शिक्षा विभाग ने बीते वर्ष 25 प्रतिशत से कम परिणाम देने वाले 116 स्कूलों के 250 शिक्षकों को नोटिस जारी कर उनका जवाब भी मांगा था। साथ ही दोनों कक्षाओं के परीक्षा परिणाम में टॉप 500 छात्रों की सूची भी अलग से तैयार को कहा गया था।
     इसके साथ ही किन कारणों से विद्यार्थी पिछड़े हैं, इसकी जांच कर भविष्य में और बेहतर करने के लिए काम किया जा सकेगा। यह डाटा भी तैयार किया जाएगा कि किस स्कूल में कितने बच्चों के 80 प्रतिशत व 60 प्रतिशत से अधिक अंक आए हैं। परिणाम देने वाले विषय अध्यापकों की सूची भी उपलब्ध करवाने के निर्देश जिलों को दिए गए हैं।
     इसके साथ ही जिलों को ये निर्देश दिए गए हैं कि उन शिक्षकों (जिलावार/श्रेणीवार, जिन्होंने किसी शैक्षणिक वर्ष में न्यूनतम 9 महीने की अवधि के लिए किसी विशेष विषय को पढ़ाया हो) के संबंध में निर्धारित परफॉर्मा पर अपेक्षित जानकारी यानी मार्च, 2025 में हुई बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट की जानकारी निदेशालय को उपलब्ध करवाने को कहा गया था। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने स्कूल शिक्षा निदेशालय को निर्देश जारी कर पहले ही कहा है कि इस बार कड़े कदम उठाए जाएंगे।
     अब आगे क्या होता है यह तो समय ही बताएगा कि यह महज एक ड्रामा है या सरकार सच में कोई क्रांतिकारी कदम उठाएगी। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है कि पूर्व जयराम ठाकुर की सरकार में भी 10वीं और 12वीं का परीक्षा परिणाम बहुत ही निराशाजनक आया था। उन्होंने भी आगे बढ़ चढ़कर कार्यवाही करने की बातें कही थी। लगता था बच्चों के भविष्य को लेकर वह बहुत गुस्से में हैं। तब दोषी अध्यापकों की लिस्ट भी तैयार कर ली गई थी। लेकिन अध्यापकों के एक समारोह में उन्होंने अपने कदम पीछे हटा लिए थे। शायद उन्हें विधानसभा चुनाव में जाना था, लेकिन वह फिर भी अपनी सरकार को हार से नहीं बचा पाए थे। अब मौजूदा सुक्खू सरकार क्या करेगी अभी से कहा नहीं जा सकता है, लगता तो है कड़ी कार्यवाही करेगी। पर यह सब बातें तभी सच मानी जाएंगी जब सरकार अपने कहे को अंजाम तक पहुंचा देगी।

 
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