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कांग्रेस का अध्‍यक्ष बदलना है, कहीं सरकार ही न बदल जाए

शिमला से बनाया जा सकता है कांग्रेस का प्रदेशाध्‍यक्ष...

विशेष संवाददाता

     शिमला : हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष शीघ्र ही बदल दिया जाएगा। अब जो परिस्थितियां छनकर सामने आ रही हैं उसे देखकर कहा जा सकता है कि यहां तख्ता पलट का एक और खेल देखने को मिल जाए। फिलहाल मंत्रियों में ही घुमा फिराकर इस ओर इशारा किया जा रहा है। कहा जा सकता है कि प्रदेश कांग्रेस में सब कुछ सामान्य नहीं चल रहा है।
     अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि हाई कमान ने पूछ लिया गया है कि प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष किसे बनाया जा सकता है। वैसे मंडी लोकसभा चुनाव से पीछे हटने के बाद से ही यह कयास लगाए जाने शुरू हो गए थे कि अब प्रतिभा सिंह के स्थान पर किसी नए व्यक्ति को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया जाएगा। माना यह भी जा रहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की मर्जी का कोई नेता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेगा। यह भी कहा जा रहा था कि भारत पाक युद्ध विराम होने से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह को सभी मंत्रियों और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष के साथ किसी भी समय दिल्ली बुलाया जा सकता है।
     पिछले दिनों मुख्यमंत्री दिल्ली गए भी थे। इस दौरान उन्होंने जहां केन्द्र सरकार के मंत्रियों के साथ मुलाकात की वहीं कांग्रेस के कई बड़े नेताओं से भी उनकी मुलाकात हुई है। जाहिर है इस दौरान प्रदेश कांग्रेस संगठन के बारे में भी बात हुई होगी। कहा तो यह भी जा रहा है कि सुक्खू मंत्रिमंडल में बड़े फेरबदल की तैयारी भी चल रही है। इसके चलते मौजूदा मंत्रिमंडल में कुछ कैबिनेट मंत्री बाहर भी हो सकते हैं और उनकी जगह नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है।
     कहते हैं कि मौजूदा कैबिनेट के किसी मंत्री को पार्टी अध्यक्ष बनाकर सुक्खू मंत्रिमंडल में दो नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। उधर बात यहां पर भी अटकी हुई है कि प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष शिमला से बनाया जाए। क्योंकि मुख्यमंत्री और उप-मुख्य मंत्री दोनों लोअर हिमाचल से हैं। सत्ता संतुलन को बनाए रखने के लिए अपर और लोअर हिमाचल को बराबर संतुलन में रखना कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। यह समस्या भी जटिल है कि मंत्री इससे पीछे हट रहे हैं क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष बनने के स्थान पर वह प्रदेश सरकार में मंत्री बने रहना चाहते हैं।
     सूचना यह भी मिल रही है कि अब इसमें अधिक देरी नहीं की जाएगी क्योंकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल भी अब आधा हो चुका है और पार्टी को लगभग एक वर्ष बाद फिर से राज्य विधानसभा चुनाव के मोड में आना है। सभी जानते हैं कि अब कांग्रेस में लड़ाई अगले विधानसभा चुनाव के लिए होगी। कहते हैं कि जहां मुख्यमंत्री सुक्खू हमीरपुर कांगड़ा लॉबी को मजबूत करना चाहते हैं वहीं शिमला लॉबी अपने वर्चस्व को खोना नहीं चाहती है। उसे रेस में बने रहने के लिए अध्यक्ष की कुर्सी चाहिए।
     राहुल गांधी जिस प्रकार जिला स्तर तक पार्टी को अधिकार देने की बात कर रहे हैं उससे तो यही लगता है कि अगली बार टिकट आबंधन में प्रदेशाध्यक्ष का बड़ा हाथ होगा। इसे लेकर कांग्रेस में जंग छिड़ी हुई है उधर भाजपा कांग्रेस के टूटने का इंतजार कर रही है कि कहीं उन्हें सरकार बनाने का मौका मिल जाए।

 
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