संपादकीय
सोफिया कुरैशी बड़े काम आई
कर्नल
सोफिया कुरैशी का नाम लेते ही उस सैनिक की तस्वीर सामने आ जाती है, जो भारत
पाकिस्तान के बीच छिड़ी जंग में सेना की ओर से लोगों को जानकारी देने के लिए
प्रवक्ता बनकर टेलिविजन पर आई। उसको यह छोटा सा काम भारतीय सेना की ओर से सौंपा
गया था जो उन्होंने बड़ी खूबी के साथ निभाया। जब तमाम टीवी चैनलस उटपटांग
रिपोर्टिग कर रहे थे तो लोग सोफिया कुरैशी और व्योम सिंह को सुनते थे और इंतजार
करते थे कि वह क्या पुख्ता सूचना लेकर देश के सामने आएंगी। लेकिन सोफिया कुरैशी
के नाम से एक शानदार काम अपने आप ही हो गया, जिसकी देश को बहुत जरूरत थी।
कर्नल सोफिया के बारे में जो बातें की गई उसे हम
बक्वास के अतिरिक्त और कुछ नहीं कह सकते हैं। उसके मुस्लिम होने का लाभ देश को
यह मिला कि जंग से पहले देश में चल रहा हिन्दू-मुस्लमान एक दम खत्म हो गया देश
में हिन्दू-मुस्लिम विवाद पर खबरें आना बंद हो गई। मध्य प्रदेश के मंत्री ने
कर्नल सोफिया को आतंकवादियों की बहन क्या कहा पूरा देश मंत्री से लेकर
प्रधानमंत्री तक पर टूट पड़ा। क्या हाई कोर्ट, क्या सुप्रीम कोर्ट सब जगह से
सोफिया के समर्थन में आवाजें आने लगी। आम लोगों ने तो जो फजिहत और लानतें भेजी
उससे पूरी दुनियां वाकिफ है।
अब इसका यह असर देखने को मिला कि जो लंपट भगवा गम्छा
पहनकर गली मुहल्ले में रहने वाले गरीब और लाचार मुसलमानों को धमकाते फिरते थे
उन्होंने भी अपनी गतिविधियां बंद कर दी। ऐसे मामलों पर वाहियात कमेंट करने वाले
सोशलमीडिया ट्रोलरों पर भी एक सर्जिकल स्ट्राइक स्वयं हो गई। इस प्रकार का
वमनस्य फैलाने वालों ने जब देखा कि देशवासी हिन्दू-मुस्लिम विवाद को बर्दाश्त
नहीं करते हैं तो वह भी छुपकर बैठ गए। यहां हैरान करने वाली बात यह है कि देश
के हिन्दुओं ने ही मुसलमानों के पक्ष में खड़े होकर इन गम्छाधारियों के दांत
खट्टे कर दिए। लगता है कि अब वह कभी भी फिर से देश में हिन्दू-मुस्लिम विवाद खड़ा
करने की कोशिश भी नहीं करेंगे, क्योंकि वह अब देश का माहौल भांप चुके हैं।
यदि कर्नल सोफिया कुरैशी के नाम का तथाकथित विवाद ऐसे समय में न उठता जब सेना
जान की बाजी लगाकर जंग के लिए तैयार थी और पूरा देश उसके पीछे खड़ा था, तो शायद
हिन्दू-मुस्लिम मामले को देश कैसे लेता है इसका अंदाजा उन लंपटों को न होता जो
यह जहर देश की फिजाओं में घोल रहे थे। अब अधिकतर ऐसे लंपट तिरंगा यात्रा में
अपनी देशभगति का परिचय दे रहे हैं। देश कह रहा है कि ईश्वर इन्हें लोकतंत्र को
समझने की बुद्धि प्रदान करे और यह भी तिरंगे के महत्व को समझ लें।
कर्नल सोफिया कुरैशी के कारण देश के भीतर एक अमन शांति का पैगाम पहुंचा है।
वैसे सेना का कार्य देश के बाहर की शक्तियों से देश को बचाना है। लेकिन यहां
सोफिया कुरैशी देश की आंतरिक सुरक्षा की वजह भी अपने आप बन गई। देश की जनता
सोफिया कुरैशी को स्ल्यूट करती है कि उन्होंने थोड़ी से मानसिक प्रताड़ना झेलकर
देश के लिए बड़ा काम किया है। |