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रंगबिरंगी रौशनी से सराबोर नगर बता देता है शूलिनी मेला आ गया

विशेष संवाददाता

     सोलन : नगर में रंगबिरंगी रौशनी यहां आने वाले को इस बात का एहसाहस करवा देती है कि यहां कोई बड़ा पर्व आयोजित किया जा रहा है। आजकल यहां शूलिनी मेला चल रहा है और पूरे नगर को रंग बिरंगी रौशनी से सजाया और संवारा गया है। मेले को हर्षोल्लास मनाने के लिए बाजारों में मुफ्त में खाने पीने के स्टाल और छबीलें लगाई गई हैं। इस स्टालों और छबीलों को लगाने वालों का प्रयास रहता है कि वह अच्छे से अच्छा खाना मेले में घूमने आने वाले लोगों के लिए परोसें।
     जिला प्रशासन की ओर से मेला समिति मेले का आयोजन करवाती है। इसमें भारी संख्या में जन सहयोग लिया जाता है। मां शूलिनी की पालकी निकलने से पहले और तीन दिन तक यहां बाजारों में तरह तरह के स्टाल लगाए जाते हैं। जहां लोगों को निशुल्क भोजन करवाया जाता है। कुछ लोग गर्मी का मौसम होने के कारण शीतपेय और कीमती आइस्क्रीम तक लागों को निशुल्क वितरित करते हैं। खाने में जहां कुछ लोग दाल कड़ी चावल वितरित करते हैं वहीं कुछ श्रद्धालु यहां के पारंपरिक पकवान भी मेले के अवसर पर निशुल्क वितरण के लिए तैयार करवाते हैं। सभी का प्रयास रहता है कि उनके स्टालों में भारी भीड़ जमा हो और उनका तैयार किया गया खाना बच न जाए।
     नगर में कुछ संस्थाएं ऐसी भी हैं जहां मेले के तीनों दिन निशुल्क भंडारा रात दिन चलता है। यहां गौर करने लायक बात यह है कि इस मेले में तीन दिन तक लाखों लोग मेले का आनंद लेने आते हैं। इस मेले की सफलता के पीछे यह बात भी बताई जाती है कि मैदानी इलाकों में इन दिनों भयंकर गर्मी पड़ती है। इसलिए मैदानी इलाकों में जहां लोग गर्मी से बचने के लिए पहाड़ों की ओर अपना रुख करते हैं वहीं शूलिनी मेले जैसा आयोजन उनके पर्यटन को और अधिक रोमांचकारी बना देता है।
     अब इस मेले में जहां यहां से जुड़े हर व्यक्ति के पहुंचने की इच्छा रहती है वहीं कुछ लोग ऐसे भी मेले में आते हैं जिनका कोई घरबार नहीं होता है। वह यहां फुटपाथ पर ही सो जाते हैं और भंडारों में खाना खाकर अपना पेट भर लेते हैं। इनकी सुरक्षा और निगरानी के लिए जिला प्रशासन को विशेष प्रबंध करने पड़ते हैं। इस प्रकार के लोगों की आड़ में मेले में जेब काटने वाले और चोरी की वारतातों को अंजाम देने वाले जैसे असमाजिक तत्व भी आ जाते हैं। साथ ही लोगों की सुरक्षा के लिए भारी पुलिस बंदोबस्त 24 घंटे की निगरानी के लिए तैनात रहता है। इस प्रकार की घटनाओं से बचने के अतिरिक्त मेले को पूरे हर्षोल्लास से मनाने का प्रयास मेला कमेटी द्वारा किया जाता है। लोग भी अपनी भागीदारी जम की निभाते हैं।

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