सुनीता विलियम्स की सकुशल वापसी की
चिंता
अब 2025 तक ही लौट पाएगी अंतरिक्ष यात्री...
वाशिंगटन से
आ रही खबरों में बताया जा रहा है कि अंतरिक्ष में फंसी भारतीय मूल की अमेरिकी
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी में अभी लंबा समय
लगेगा। इन खबरों से जहां अमेरिका में चिंता है वहीं भारत में भी सुनीता
विलियम्स की सकुशल धरती पर वापसी की प्रार्थना की जा रही है।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने कहा कि स्टारलाइनर के साथ गए अंतरिक्ष
यात्रियों को वापस लाने की योजना बनाते समय सभी विकल्पों पर विचार किया जा रहा
है। इस योजना के तहत स्टारलाइनर के अंतरिक्ष यात्रियों की धरती पर वापसी की
योजना बनाते समय एक विकल्प के तहत दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की 2025 में पृथ्वी
पर वापसी हो सकती है। इस योजना में बोइंग की प्रतिद्वंद्वी स्पेसएक्स भी शामिल
है।
कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने कहा है कि नासा का मुख्य
विकल्प बुच और सुनीता को स्टारलाइनर अंतरिक्षयान से वापस लाना है। उन्होंने कहा
कि हम स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल का इस्तेमाल पर विचार कर रहे हैं। नासा
अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के लिए स्टारलाइनर का उपयोग करने के लिए तैयार
नहीं है।
भारत के लोगों की चिंता इसलिए बढ़ी हुई है कि सुनीता विलियम्स भारत में भी काफी
लोकप्रिय हैं। सुनीता विलियम्स का नाम भारत के लोगों को तब पता चला था जब भारत
के करनाल की बेटी कल्पना चावला नासा की ओर से अपनी टीम के साथ अंतिरिक्ष क
यात्रा पर गई थी और तकनीकी खराबी के कारण उनका अंतरिक्ष विमान सकुशल धरती पर
नहीं लौट पाया था और उसका दुखद निधन हो गया था। अब भारतीय मूल की ही अमेरिकी
अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में फंस गई है।
भारत में लोग सुनीता विलियम्स की वापसी की खबरों पर नजरें गढ़ाए हुए हैं।
वाशिगटन से प्राप्त समाचारों में बताया जा रहा है कि सुनीता ठीक ठाक है और उनके
दल की धरती पर सकुशल वापसी के लिए बढ़े पैमाने पर काम चल रहा है। कहा जा रहा है
कि उनकी वापसी 2025 तक ही हो पाएगी। तब तक उन्हें अंतरिक्ष में उसी वातावरण में
रहना पड़ेगा। भारत में भी उनकी सकुशल वापसी के लिए प्रार्थनाएं की जा रही है।
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