यदि आप ग्रास
साप्ताहिक अपने घर पर मंगवाना चाहते हैं तो कृपया
300 रु. सदस्ता शुल्क हम
तक पहुंचाने का कष्ट करें । आपके सदस्ता शुल्क पर हम आपको 52 संस्करण
डाक द्वारा भेजेंगे। इसके लिए कार्यालय में संपर्क करें
-
ग्रास साप्ताहिक, निर्मल निवास, सपरून, सोलन
(हि.प्र.)
न.-9418104770 |
मेयर को हटाने पर सुप्रीम
कोर्ट ने लगाई रोक
पूनम और उषा ने शांडिल पर की
आरोपों की बौछार...
निजी संवाददाता
सोलन :
सुप्रीम कोर्ट ने दो
पूर्व मेयर को हटाए जाने के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम
आदेश के बाद अगले दिन नगर निगम में 15 पार्षदों के सहारे होने वाले नए मेयर का
चुनाव भी रोक दिया है।
सरकार पर आरोप है कि नगर निगम से दो पूर्व मेयर रही
महिलाओं को असंवैधानिक तरीके से हाउस से बाहर कर दिया गया। इसी मामले को लेकर
निष्कासित दोनों पार्षद पहले हिमाचल हाई कोर्ट में याचिका लेकर गई थी। वहां से
राहत न मिलने के बाद दोनों पूर्व मेयर सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका
लेकर गई। जहां से उन्हें बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने पहली सुनवाई में
हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए जहां प्रतिवादियों को 14 अक्तूबर तक अपने
जवाब दाखिल करने को कहा है वहीं मेयर पद पर उषा शर्मा की बहाली कर दी है। साथ
ही पूर्व मेयर पूनम ग्रोवर को पार्षद पद पर फिर से बहाल कर दिया है।
इस मामले में सरकार ने नगर निगम के हाउस को तो जिंदा रखा
और हाउस की स्वायतता को खंडित करके दो पूर्व मेयर को हाउस से बाहर का रास्ता
दिखा दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट से आए स्टे आर्डर के बाद वहीं स्थिति बहाल हो
गई है जो उपरोक्त दोनों पूर्व मेयर को हटाने से पहले थी। श्रीमती उषा शर्मा फिर
से मेयर हो गई हैं और श्रीमती पूनम ग्रोवर फिर से आठ नम्बर वार्ड की पार्षद हो
गई हैं। इसलिए अब वार्ड न. आठ और वार्ड न. 12 में उपचुनाव नहीं होगा।
अपनी बहाली के बाद श्रीमती उषा शर्मा और श्रीमती पूनम
ग्रोवर ने सोलन नगर के विधायक और प्रदेश सरकार में मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल
पर कड़ा राजनैतिक प्रहार किया है। दोनों ने पत्रकारों से कहा है कि यह सब
स्थानीय विधायक कर्नल शांडिल का किया धरा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने उनके
खिलाफ जो भी कार्यवाही की है वह स्थानीय विधायक के द्वेषपूर्ण रवैये के कारण ही
हुई है। उन्होंने हर द्वार को खटखटाया। जिसके बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट तक जाना
पड़ा। इस लड़ाई के बाद भी दोनों ने कहा कि हम कांग्रेस के हैं और कांग्रेस के ही
रहेंगे।
---------------------------------------
सोलन के सपरून में बनी वैंडर मार्केट पूरी तरह से फेल
अवैध भवन में नहीं फलफूल रहा है कोई कारोबार...
निजी
संवाददाता
सोलन :
सपरून में करोड़ों रुपए की लागत से बनी वैंडर मार्केट पूरी तरह
से फेल हो गई है। नगर निगम ने हेराफेरी करके सपरून गुरुद्वारे के सामने एक तीन
मंजिला भवन खड़ा कर दिया था। इस भवन का इतिहास यह है कि जब यह भवन निर्माण हुआ
था तो तत्कालीन नगर परिषद (नगर निगम) न तो इस जमीन की मालिक थी और न ही इस भवन
का कोई नक्शा पास किया गया था।
इस अवैध भवन के नाम पर नगर निगम के करोड़ों रुपए डूब जाने
के बाद इसे वैध बनाने के तथाकथित प्रयास किए गए। कहते हैं इस भवन की जमीन को
सरकारी मिली भगत से नगर निगम ने अपने नाम भी करवा लिया है। इस जमीन पर विवाद यह
था कि 2001 में नेशनल हाईवे के नाम यह जमीन चली गई थी। जिस पर सपरून गुरुद्वारा
समिति ने भी अपना अधिकार होना का दावा किया था। हैरानी इस बात पर व्यक्त की जा
रही है कि जो जमीन केन्द्र सरकार को चली गई वह प्रदेश सरकार के पास वापस कब आ
गई और वह नगर निगम को कैसे दे दी गई। कहते हैं कि वैंडर मार्केट नाम से विख्यात
इस भवन निर्माण के घोटाले को छुपाने के लिए यह सब पापड़ बेले गए और इसका नतीजा
शुन्य निकला।
नेशनल हाईवे बाई पास पर से करीब 300 अवैध रेहड़ी फड्ही
वालों को जब वहां से हटाया गया तो उनमें से कुछ रेहड़ी फड्ही वालों को जिन्हें
नगर निगम ने लाइसेंस दिया हुआ था उन्हें इस अवैध भवन में घुसेड़ दिया गया। अब
आलम यह है कि वहां पर न तो उनका सामान बिकता है और न ही वहां कोई फलफूल रहा है।
करीब 10-15 लोगों को छोड़कर वहां से सभी रेहडी फड्ही वाले भाग चुके हैं। कहा जा
सकता है कि जोरजबरदस्ती से करोड़ों रुपए बहाकर भी इसका लाभ किसी को नहीं हो पा
रहा है।
प्रदेश सरकार को चाहिए कि इस पूरे मामले की जांच करके
इसके सभी पहलुओं को उजागर किया जाए और लोगों के टैक्स की कमाई से बने करोड़ों
रुपए के इस तीन मंजिला भवन को किसी ऐसे कार्य में लगाया जाए ताकि इस भवन पर
खर्च पैसे का सदुपयोग हो सके। इतना होने के बावजूद नगर में रेहडी फड्ही वाले
यथावत सड़कों को घेर कर बैठे हुए हैं। रविवार को पुराने बस स्टैंड पर लगने वाली
किसान मंडी को भी यहां लाया जा सकता है। क्योंकि यहां बहुत बड़ा क्षेत्र खाली
पड़ा रहता है। इससे नगर और पुराने बस अड्डे पर फैलने वाली गंदगी से भी राहत मिल
सकती है।
---------------------------------------
अधिकारी बनकर ठगने वाला
गिरफ्तार
एक करोड़ की ठगी करने का आरोप लगा है...
निजी संवाददाता
सोलन : नकली अधिकारी
बनकर लोगों को ठगने के आरोप में कसौली के एक व्यक्ति को पुलिस ने दबोच
लिया। उसने आयकर विभाग का डिप्टी कमिश्नर बताकर कंपनी से एक करोड़ रुपए ठग
लिए। बताया जा रहा है कि फर्जी अधिकारी ने चंडीगढ़ में भी अपना कार्यालय खोल
रखा था, जहां से वह कंपनी मालिकों को अपना निशाना बनाता था। अभी तक आरोपी
एक करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है। आरोपी को अदालत ने 14 दिन के लिए जेल भेज
दिया है।
पूछताछ में कई और खुलासे होने की उम्मीद है। एसपी सोलन
गौरव सिंह ने बताया कि मार्च में एक शिकायत पत्र पुलिस को थाना कसौली से
मिला था। गिवरनी इनोवेक्स प्रा. लि. इंडिया के अध्यक्ष दिल्ली निवासी अमन
मेहता व कश्मीरी कंपनी प्रबंधकों की शिकायत पर कसौली के मशोबरा का निवासी
आरोपी जितेंद्र कुमार से पूछताछ की गई।
उपरोक्त आरोपी के मोबाइल फोन, कंप्यूटर समेत अन्य
दस्तावेजों का परीक्षण करने पर पाया गया कि जितेंद्र खुद को आयकर विभाग का
डिप्टी कमिश्नर बताता था। वह विभिन्न विभागों, बैंकों आदि से ई-मेल व अन्य
माध्यमों से पत्राचार करके झूठा परिचय देकर अनुचित लाभ हासिल करता था।
उपरोक्त साक्ष्यों के आधार पर 12 अगस्त को थाना कसौली की टीम ने जितेंद्र
को गिरफ्तार किया। पुलिस आगे गहनता से जांच कर रही है।
---------------------------------------
मनसूबों पर पानी फिर गया
निजी
संवाददाता
सोलन :
पिछले दिनों मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू सोलन के दौरे पर आए। उन्होंने
यहां कुछ उद्घाटन किए और चुपचाप वापस चले गए। राजनैतिक क्षेत्र में इस बात की
भी चरचा थी कि वह अपने सोलन दौरे में विवादास्पद नगर निगम मेयर के चुनाव के लिए
कुछ संकेत कांग्रेस के पार्षदों को देकर जाएंगे। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट से
निष्कासित पार्षदों की बहाली का आदेश सुप्रीम कोर्ट से आ गया और इस विषय पर चल
रही तमाम चरचाओं पर विराम लग गया।
कहते हैं जिस जोश से कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ताओं ने
मुख्यमंत्री का दौरा सोलन के लिए रखवाया था वह जोश मुख्यमंत्री के सोलन पहुंचने
से पहले ही खत्म हो गया। अब उन कार्यकताओं की खबर ली जा रही है जो सोलन में
षडयंत्र कर रहे थे।।
|