हिमाचल में कोर्ट
से आए फैसलों पर जल्दी दिखानी होगी
सरकार ने भी
विभागों को आदेश जारी किए...
अब हिमाचल सरकार को कोर्ट से
आए फैसलों पर जल्दी दिखानी होगी। विभिन्न अदालतें सरकार को आदेश जारी करती रहती
हैं और सरकारें अदालती आदेशों की परवाह नहीं करती हैं। याचिकाकर्ता अदालत से
फैसला आ जाने के बाद भी विभागों के चक्कर लगाते रहते हैं। ऐसे में वह अवमानना
याचिका लगाने पर मजबूर हो जाते हैं या फिर कई मामले मियाद खत्म हो जाने के बाद
खत्म हो जाते हैं।
इससे लोगों का अदालतों से विश्वास खत्म होता जाता है। अब हिमाचल प्रदेश हाई
कोर्ट ने एक व्यवस्था बनाने का प्रयास किया है। हिमाचल हाई कोर्ट ने रिपोर्टिंग
की व्यवस्था बदलने के लिए एक नोटिफिकेशन जारी की है। इस नोटिफिकेशन के तहत
एडवोकेट जनरल
ऑफिस के लिए यह जरूरी कर दिया है कि किसी भी केस में फैसला आने
के बाद तीन दिन के भीतर आॅर्डर की काॅपी के साथ राज्य सरकार को बताया जाना
आवश्यक होगा। इसके लिए रूल्स में ही संशोधन किया गया है।
कई बार यह भी देखने में आया है कि अवमानना यचिका में भी अदालत को गुमराह करते
हुए कह दिया जाता था कि उन्हें फैसले की कापी ही नहीं मिली है। अदालतों के सामने
यह जांच का विषय बन जाता था कि फैसले की कापी किस आथॉरिटी को कितने समय में
भेज देनी चाहिए थी। इससे याचिकाकर्ता को न्याय देने में काफी विलंब हो जाता था।
हलांकि फैसले के बाद कम्प्लायंस रिपोर्ट अदालत में भेजनी जरूरी होती है। लेकिन
बिना आर्डर के कम्प्लांस रिपोर्ट न तो अदालत को विभाग की ओर से भेजी जाती थी और
न ही अदालत के पास उसको देखने का समय होता था।
अब गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की ओर से ये अधिसूचना जारी की गई है जिसमें
कहा गया है कि फाइनांस,
लॉ और कार्मिक विभाग के लिए भी डेडलाइन तय हो रही है।
कोर्ट से संबंधित मामलों में कौन विभाग कितने दिन के भीतर अपनी राय देगा यह भी
तय हो रहा है। इस बारे में मुख्य सचिव ने कुछ दिन पहले सचिवालय में बैठक ली थी।
यह सारी कार्यवाही लेखराज बनाम ताज मोहम्मद के मामले में सरकार की याचिका देरी
के आधार पर खारिज होने के बाद हुई थी। कोर्ट ने इस मामले में नियुक्ति की पहली
तारीख से सीनियोरिटी देने को कहा है।
इस तरह और भी कई मामले हैं जिनमें संबंधित विभाग की तरफ से ही जवाब कोर्ट में
देरी से दिया है। अब इस व्यवस्था को ठीक किया जा रहा है। अब सरकारी विभागों में
कोर्ट केस की लंबी समय तक घूम रही फाइलों पर 30 दिन के भीतर काम होगा।
हाई कोर्ट के आदेशों के बाद सरकार ने सभी विभागों के एचओडी, सचिवों
व लॉ अफसरों
को इस बाबत सख्त आदेश जारी किए हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य के महाधिवक्ता
कार्यालय द्वारा न्यायालय के आदेश पर महाधिवक्ता की प्रारंभिक राय सहित
प्रमाणित निर्णय की प्रति संबंधित विभागाध्यक्ष को तीन कार्य दिवसों के भीतर
भेजनी होगी। आदेशों में कहा गया है कि विभागाध्यक्षा सभी न्यायालयीन मामलों की
निगरानी के लिए मुख्यालय स्तर पर एक तंत्र विकसित करेंगे। जैसे ही उच्च
न्यायालय के न्यायालयीन आदेश प्राप्त होंगे, विभागाध्यक्ष विभागों में लंबित
कोर्ट मामले अब शीघ्र सुलझाएंगे। हिमाचल हाई कोर्ट राज्य सरकार को कई बार फटकार
लगा चुका है क्योंकि कई मामलों पर कोर्ट आदेशों के बाद भी अमल नहीं होता है। अब
कोर्ट के आदेशों पर सरकार ने संबंधित विभागों को जुड़े हुए कोर्ट मामलों पर 30
दिन के भीतर एक्शन लेने के लिए नियम लागू कर दिए है। इससे लगता है कोर्ट के
फैसले तेजी से लागू होंगे।
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