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कांग्रेस ने सीतारमण के इस्‍तीफे की मांग की

बंगलुरू में वित्‍तमंत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज...

     लोकसभा चुनावों से पहले केन्द्रीय वित्त मंत्री कह रही थी कि भाजपा यदि सत्ता में वापस आई तो चुनावी बॉन्ड को फिर से शुरू करेगी। अब बंगलुरु में निर्मला सीतारमण के खिलाफ दर्ज एफआईआर को लेकर कांग्रेस केन्द्र सरकार और भाजपा के खिलाफ आक्रामक हो गई है। कांग्रेस ने इसे चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कथित रूप से धन उगाही बताया है।
     कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस पर कहा कि इसने भाजपा के असली चरित्र को बेनकाब हो गया है। धन उगाही का यह मामला कुल 8000 करोड़ का है। एक प्रेस कान्फ्रेंस में सिंघवी कहते हैं कि भाजपा की योजना काफी भयावह थी और चुनावी बॉन्ड ने कुछ फर्मों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के साथ अपने मामले को आसान बनाने या हिरासत से बाहर निकलने में मदद की थी।
     इसके बाद केन्द्रीय मंत्री सीतारमण के इस्तीफे की मांग भी जोर पकड़ने लगी है। इस एफआईआर के बाद भाजपा बचाव की मुद्रा में आ गई है। कांग्रेस के नेता अब इस प्रचार में जुट गए हैं कि भाजपा का असली चेहरा यही है। सुप्रीम कोर्ट ने जब चुनावी बॉन्ड के रहस्य को एसबीआई से बाहर निकलवाया तब मीडिया ने चुनावी बॉन्ड से जुड़े कई तथ्यों को अपने अखबारों में छापा तथा उनकी रिपोर्टिंग की।
     कुछ राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों में कांग्रेसी नेता चुनावी बॉन्ड पर भाजपा को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं और इससे भाजपा ने जो पैसा लिया है उसे काली कमाई बता रहे हैं। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि इस बात पर से पर्दा न उठे, इसलिए नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने चुनावी बॉन्ड मामले में रिजर्व बैंक, सुप्रीम कोर्ट आदि के निर्देशों को भी नहीं माना है। यहां तक कि इसको लेकर जो विधेयक लाया गया, उसे धन विधेयक बनाकर राज्यसभा में आने से रोक दिया गया था। अब देखना है कि सीता रमण का क्या होता है।

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