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नोबल विजेताओं ने दुनियां को हैरान किया

कैमिस्‍ट्री फिजिक्‍स जगत को वैज्ञानिकों की नई देन...

     केमिस्ट्री और फिजिक्स के नोबल पुरस्कार विजेताओं ने पूरी दुनियां को हैरान कर दिया है। इन दोनों विषयों के वैज्ञानिकों ने दुनियां को एक नई देन प्रदान की है। प्राइज की घोषणा रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस ने स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में की है और पूरी दुनियां को पुरस्कार विजेताओं की उपलब्धि के बारे में बताया है।
     केमिस्ट्री के नोबेल प्राइज इस साल तीन वैज्ञानिकों को मिला है। इनमें अमेरिकी वैज्ञानिक डेविड बेकर, जॉन जंपर और ब्रिटिश वैज्ञानिक डेमिस हसाबिस शामिल हैं। फिजिक्स का नोबेल प्राइज इस बार एआई के गॉडफादर कहे जाने वाले जैफ्री ई. हिंटन और अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन जे होपफील्ड को मिला है। केमिस्ट्री के प्राइज को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहला हिस्सा डेविड बेकर को मिला है, जिन्होंने नई तरह के प्रोटीन का निर्माण किया। प्रोटीन डिजाइन एक तकनीक है जिसमें प्रोटीन की संरचना में बदलाव कर नए गुण वाले प्रोटीन तैयार किए जाते हैं। इससे दवा और वैक्सीन बनाने में मदद मिलती है।
     प्राइज का दूसरा हिस्सा डेमिस और जॉन जंपर को मिला जिन्होंने एक ऐसा एआई मॉडल बनाया, जिसने कॉम्प्लेक्स प्रोटीन के स्ट्रक्चर को समझने में मदद की। गौर हो कि प्रोटीन मनुष्य के शरीर के लिए केमिकल टूल की तरह काम करता है। यह शरीर में होने वाले सभी केमिकल रिएक्शन्स को कंट्रोल करता है जो मानव जीवन का आधार होते हैं। प्रोटीन करीब 20 अलग-अलग अमीनो ऐसिड से बना होता है।
     उधर फिजिक्स का नोबेल प्राइज उस बार एआई के गॉडफादर कहे जाने वाले जैफ्री ई. हिंटन और अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन जे होपफील्ड को मिला है। उन्हें मशीन लर्निंग से जुड़ी नई तकनीकों के विकास के लिए यह सम्मान दिया गया है, जो आर्टिफिशियल न्यूरॉन्स पर आधारित है। इससे मशीनों को इन्सानी दिमाग की तरह सोचना और समझना सिखाया जाता है। जैफ्री को जिस मशीन लर्निंग के लिए नोबेल मिला है, उन्होंने उसी के विकसित रूप एआई को मानवता के लिए खतरा बताया था। उन्होंने 2023 में एआई के विरोध में गूगल से इस्तीफा दे दिया था। जैफ्री ने एआई के लिए खुद को जिम्मेदार मानते हुए अफसोस जताया था। वहीं, नोबेल देने की घोषणा करते हुए कमेटी ने कहा कि दोनों वैज्ञानिकों ने दुनियां को नए तरीके से कम्प्यूटर का इस्तेमाल करना सिखाया है। इन दोनों विजेताओं को 8.90 करोड़ की राशि मिलेगी, जिसे दोनों में बराबर बांट दिया जाएगा। नोबेल प्राइज डिस्ट्रीब्यूशन 14 अक्तूबर तक चलेगा।

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