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    इस बार हिमाचल 
    की बरसात ने लोगों की रूह तक कंपवा दी 
    
    कुल्लू जिला में सबसे अधिक 
    बारिश रिकाड्र की गई 
    
    विशेष संवाददाता 
    
    
       
    
    
     शिमला
    : हिमाचल में इस बार हुई भयंकर बरसात ने लोगों की रूह कंपवा दी है। आजाद 
    भारत के इतिहास में यहां के लोगों ने कभी इस तरह का जलप्रलय नहीं देखा है। इस 
    बरसात ने सेकड़ों लोगों की जाने लील ली है और हजारों लोगों को बेघर कर दिया है। 
    गांव के गांव दरया में समा गए और मवेशियों के बह जाने का तो कोई हिसाब ही नहीं 
    है। कहीं तो प्रदेश की सड़कें जड़ से उखड़ गई हैं यहां यातायात पहले जैसा करने में 
    कई वर्ष लग जाएंगे। पूरे प्रदेश में पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष दो गुनी 
    बरसात रिकार्ड की गई है। 
        
    पिछले वर्ष की बरसात में भी हिमाचल प्रदेश को इसी प्रकार का नुक्सान उठाना पड़ा 
    था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक तब भी करीब दस हजार करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ था। 
    लगातार दो वर्ष की बरसात का नुक्सान उठाने की स्थिति में हिमाचल प्रदेश नहीं 
    है। इसी बात से अंदाजा लगा या सकता है कि इस बार प्रदेश में अगस्त माह के दौरान 
    रिकॉर्डतोड़ बारिश हुई है। इस माह में 440.8 के मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई 
    है। जो सामान्य बरसात से 72 प्रतिशत अधिक है। राज्य के 5 जिलों में तो इस अवधि 
    के दौरान सामान्य से 100 प्रतिशत से ज्यादा बारिश हुई है। 
        
    अगस्त माह के दौरान किन्नौर व लाहौल-स्पीति जिला में भी जमकर बादल बरसे हैं। 
    जिससे तबाही हिमाचल के नीचले क्षेत्रों तक भी पहुंच गई। माह के 30 दिनों के 
    दौरान जहां न रिकॉर्डतोड़ बारिश आंकी गई है वहीं अगस्त माह के आखिरी दिन भी 
    प्रदेश में झमाझम बारिश होती रही, जिसका प्रकोप सितंबर माह के अंत तक दिखाई 
    दिया और लोगों को परेशानियां भी रहेंगी। 
        
    अगस्त माह के दौरान कुल्लू में सबसे ज्यादा बारिश आंकी गई है। यहां पर 472.9 
    मिलीमीटर बारिश हुई है। जो सामान्य से 162 प्रतिशत अधिक दर्ज की गई है। यहां 
    माह के 30 दिनों के दौरान 180.2 मिलीमीटर तक बारिश होती थी। मगर इस बार बारिश 
    ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इसके अलावा जिला शिमला में 444.4 मिलीमीटर बारिश 
    हुई है। जो सामान्य से 126 प्रतिशत अधिक आंकी गई है। जिला ऊना में 823.6 
    मिलीमीटर बारिश हुई है। यहां पर भी 121 फीसदी अधिक बारिश हुई है। सोलन में 118 
    और चंबा में सामान्य से 104 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। अर्थात इन सब जगहों पर 
    दोगुणा बारिश रिकार्ड की गई। 
        
    प्रदेश के बिलासपुर में सामान्य से 89 प्रतिशत बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके 
    अलावा हमीरपुर में 55, कांगड़ा में 29, किन्नौर में 81, लाहौल-स्पीति में 26, 
    मंडी में 72, सिरमौर में 38 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। सितंबर माह के दूसरे 
    सप्ताह में भी अधिकांश स्थानों पर जोरदार मूसलाधार बारिश हुई है। शिमला, ऊना, 
    बिलासपुर, सिरमौर, कुल्लू व मंडी में कई स्थानों पर पूरा दिन बारिश होती रही। 
    ऐसे में इस मानसून सीजन के दौरान अगस्त माह के 31 दिनों के दौरान भारी बारिश 
    रिकॉर्ड की गई है। कहा जा सकता है कि बरसात के यह आंकड़े सपष्ट रूप से गवाई देते 
    हैं कि हिमाचल प्रदेश में इस बार जल प्रलय की स्थिति बनी हुई थी। 
        
    वैसे पहाड़ी प्रदेशों की मान्यता यह रही है कि यहां बरसात को देखकर काफी खुश 
    होते हैं क्योंकि यहां की बरसात कृषि के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है। लेकिन इस 
    बार की बरसात ने लोगों को बुरी तरह से झकझोर कर रख दिया है। प्रदेश के छोटे 
    मोटे नाले और खड्डें भी विशाल नदियों की तरह बहने लगी थीं। गांव के गांव और 
    खेतों में खड़ी फसलें लोगों ने नाव की तरह बहते हुए देखी हैं। इस बार की बरसात 
    ने अपना जो रौद्ररूप दिखाया है वह लोगों को हमेशा याद रहेगा। अब राहत और बचाव 
    का कार्य पूरे प्रदेश में चल रहा है। 
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