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हिमाचल समाचार

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चंद्रभागा रेंज में 56 साल बाद चार सैनिकों के शव मिले

सन् 1968 में 102 सैनिकों को लेकर गया था विमान...

निजी संवाददाता

     शिमला : केलांग से प्राप्त समाचारों में बताया गया है कि चंद्रभागा रेंज की पहाड़ियों में भारतीय वायुसेना के एएन-12 विमान दुर्घटनाग्रस्त होने के 56 साल बाद चार और सैनिकों के अवशेष मिले हैं। यह स्थान हिमाचल प्रदेश के लाहुल स्पीति जिला में स्थित चंद्रभागा रेंज है। जो पहले पूरे साल ग्लेशियर के रूप में जमा रहती थी। यहां का तापमान भी शून्य से कई डिग्री नीचे ही रहता है।
     कहा जा रहा है कि करीब 56 साल पहले 1968 में 102 जवानों को चंडीगढ़ से लेह लेकर जा रहा भारतीय वायुसेना का विमान एएन-12 ढाका ग्लेशियर के पास चंद्रभागा रेंज-13 में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। पहले भी इस दुर्घटना में शवों को बरामद करने के लिए लगातार प्रयास किए गए। वर्ष 2003 में इस विमान का मलबा बरामद किया गया था। तब भी और शव मिलने की आशंका व्यक्त की गई थी।
     कुछ वर्ष पूर्व हरियाणा के एक सैनिक का शव भी करीब इतने वर्ष पुराना ही मिला था। उसी जेब से तब का 20 रुपए का नोट भी मिला था। तब कहा गया था कि ग्लेशियर के नीचे दबे रहने के कारण उसका शव थोड़ा सा बचा हुआ था। अब एक बार फिर हिमालय के ग्लेशियर से करीब 56 साल बाद चार शव और बरामद हुए हैं।
     कहा जा रहा है कि शवों को बरामद करने के लिए एक टीम फिर से सक्रिय हुई थी और इस बार चार शव बरामद हुए। ये चारों शव सड़ी-गली अवस्था में थे। मृतकों की पहचान सहारनपुर के मलखान सिंह, पौड़ी गढ़वाल के सिपाही नारायण सिंह, हरियाणा के रेवाड़ी के सिपाही मुंशी राम और केरल के थाॅमस चेरियन के रूप में हुई है। शवों की बरामदगी के बाद पुलिस ने सेना से संपर्क किया। शवों को लोसर अस्पताल लाया गया है, जहां उनका पोस्टमार्टम किया जा रहा है। इसके बाद उन्हें संबंधित परिवारों को सौंप दिया जाएगा। कहते हैं कि 1962 के भारत चीन युद्ध के दौरान कई सैनिक मारे गए थे और उसके बाद यहां सेना के शहीदों को वापस लाना काफी कठिन था।

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हाई कोर्ट ने नेशनल हाई-वे से जवाब मांगा

बिना डीपीआर के बन रहा है नेशनल हाई-वे...

निजी संवाददाता

     शिमला : हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने सोलन से कैथलीघाट तक फोरलेन का निर्माण बिना डीपीआर किए जाने के आरोप को गंभीर बताते हुए नेशनल हाई-वे अथाॅरिटी से जवाब मांगा है। इस केस में एमाइकसक्यूरी ने कालका-शिमला फोरलेन निर्माण से जुड़ी जनहित याचिका में एक हल्फनामा दायर कर कोर्ट को बताया कि सोलन से कैथलीघाट तक फोरलेन का निर्माण कार्य बिना डीपीआर ही कर दिया गया है।
     इसके बाद संलग्न कुछ दस्तावेजों का अवलोकन करने पर कोर्ट ने पाया कि संभवतः इस मामले में कोई डीपीआर तैयार नहीं की गई है। फिर भी सड़क निर्माण का कार्य जारी है और कार्य पूरा होने के कगार पर है। न्यायाधीश तरलोक सिंह चैहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि बिना डीपीआर कैसे सड़क का निर्माण किया गया।
     हाई कोर्ट ने एनएचएआई को दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को शिमला-मटौर फोरलेन के निर्माण से जुड़ी अहम जानकारी भी दी गई। एमाइकसक्यूरी ने बताया कि इस फोरलेन सड़क के निर्माण के लिए कुछ लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए शिमला से नौणी सड़क की एलाइनमेंट में परिवर्तन कर दिया गया है। हाई कोर्ट ने इस नई जानकारी भी गंभीर मुद्दा माना है और इसे जवाब में शामिल करने को कहा है।

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दीपावली उत्‍सवों की धूम मची

निजी संवाददाता

     शिमला : प्रदेश भर में दीपावली उत्सवों की धूम मची हुई है। श्राद्ध के बाद शुरू हुए नवरात्रों में हर बार की तरह बाजार में रौनक बढ़ गई है। लोग जमकर खरीददारी भी कर रहे हैं। नवरात्र से लेकर दीपावली और फिर भाई दूज तक प्रदेश के बाजार गरम रहेंगे। उसके बाद हिन्दुओं के सभी त्योहार अगले वर्ष शुरू होंगे।
     शरद नवरात्रों का हिमाचल प्रदेश में विशेष महत्व इसलिए भी रहता है क्योंकि इन दिनों मौसम अपनी करवट बदलता है। गर्मियों के बाद सर्दी से दिन जुड़ने लगते हैं और धीरे धीरे पूरा प्रदेश कड़ाके की सर्दी के आगोश में चला जाता है। इसलिए नवरात्र से लेकर दीपावली तक लोग सर्दी के मौसम के कपड़ों की खरीददारी करते हैं। सर्दी के मौसम में लंबे समय तक चलने वाले पकवान बनाए जाते हैं। कहते हैं सर्दी के दिन खााने पीने के दिन होते हैं इसलिए त्योहारों के सीजन में उन चीजों की खरीददारी भी हो जाता है।

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आरबीआई नहीं बढ़ा रहा है ब्‍याज

निजी संवाददाता

     शिमला : देश में महंगाई इस कदर हावी है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भी ब्याज दरों को बढ़ाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। अधिकतर लोगों की जीवन का आधार ही बैंक लोन रह गया है। आरबीआई ने लगातार 10वीं बार ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है।
     आरबीआई ने ब्याज दरों को 6.5 फीसदी पर जस का तस रखा है। यानी लोन महंगे नहीं होंगे और ईएमआई भी नहीं बढ़ाई जाएगी। इससे बेरोजगार युवा अपने काम धंधे खोलने के बारे में तो सोच पाएंगे। साथ ही देश में जो उद्योग लड़खड़ाकर चल रहे हैं वह भी अपने आपको आर्थिक रूप से मजबूत करने की दिशा में बढ़ सकेंगे। आरबीआई ने आखिरी बार फरवरी 2023 में दरें 0.25 फीसदी बढ़ाकर 6.5 फीसदी की थी। दो वर्ष में भी लोग बैंक को अधिक ईएमआई देने की स्थिति में नहीं पहुंच सके हैं। उस समय भी यह वृद्धि लोगों पर भारी पड़ गई थी। यदि अब आरबीआई ब्याज दरों में वृद्धि कर देता है तो फिर यह लोगों पर असहनीय मार होगी।
     सात अक्तूबर से चल रही मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग में लिए फैसलों की जानकारी आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी है और स्थिति को स्पष्ट किया है। महंगाई को लेकर आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खुदरा महंगाई के लक्ष्य चार फीसदी पर बने हुए हैं। हालांकि, सितंबर महीने तक में महंगाई ब्याज दरें पहले जैसी ही रही है।

 
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