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मस्जिद विवाद कानून की शक्‍ल में सामने आया

अवैध मस्जिद की तीन मंजिलें गिराई जाएंगी...

निजी संवाददाता

     शिमला : हिमाचल प्रदेश में संजौली मस्जिद से उठा विवाद अब नियम कानून की शक्ल में बाहर आने लगा है। यहां हुए झगड़े के बाद संजौली में मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला गरमा गया था। देखा देखी यह मामला एक वर्ग विशेष के खिलाफ कुछ लोगों ने भड़का दिया था। जबकि यह मामला कानून के दायरे में ही हल होना था। इस मामले में प्रदर्शनकारी इसलिए भी ठंडे पड़ गए क्योंकि इसकी आंच में पूर्व की सरकारें आने लगी थी। अधिकतर प्रदर्शनकारियों को संबंध राजनैतिक दलों से था इसलिए उन्होंने बात को आगे बढ़ाने के स्थान पर इसे ठंडा करने पर ही शुक्र मनाया।
     अब संजौली मस्जिद के कारण उठे बवाल को अब शांत कर लिया है। शिमला के संजौली स्थित मस्जिद में हुए अवैध निर्माण के मामले में नगर निगम ने अंतरिम फैसला सुना दिया है। नगर निगम आयुक्त के समक्ष हुई सुनवाई के बाद मस्जिद में अवैध निर्माण वाली तीन मंजिलों को गिराने की आदेश दिए गए हैं। मस्जिद कमेट यह अंडरटेकिंग पहले ही दे चुकी है कि वह अवैध निर्माण को स्वयं गिरवा देगी। इसलिए मस्जिद कमेटी को यह काम अपने खर्चे पर करना होगा। इसके लिए दो माह का समय दिया गया है। बाकी अन्य दो मंजिलों पर सुनवाई अब 21 दिसंबर को होगी।
     नगर निगम आयुक्त के समक्ष हुई सुनवाई पर मस्जिद के विरोध में उतने वालों की नजरें टिकी हुई हैं। दोनों पक्षों की तरफ से अपनी बात रखी गई फिर कमिश्नर के आदेश पर संबंधित एरिया के जूनियर इंजीनियर ने मस्जिद के निर्माण की पैमाइश और नक्शे की रिपोर्ट को पेश किया। स्थानीय लोगों के पक्ष के वकील ने मस्जिद को तोड़ने की मांग उठाई। फिलहाल मस्जिद के नाम से चर्चित इस स्थल पर से तीन मंजिले गिराई जाएंगी और दिसंबर की सुनवाई के बाद ही पता चल सकेगा कि इस पर मस्जिद गिराने के संदर्भ में अंतिम निर्णय क्या सामने आता है।
     अब उम्मीद यह की जा रही है कि दिसंबर के बाद जब इस विवादास्पद मस्जिद में अवैध निर्माण के खिलाफ जो जोश का सैलाब उमड़ा था उन्हें भी कानूनी फैसला मंजूर होगा। यह बात पहले से ही कही जा रही थी कि संजौली मस्जिद विवाद इतना बड़ा नहीं था जितना इसे बड़ा बना दिया गया था। यह मामला कानून से हल होने वाला था और अब यह हल होने की तरफ बढ़ रहा है। इसके अतिरिक्त इसमें कुछ बेकार के मुद्दे डाल दिए गए जिनका कोई वजूद नहीं था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने जो कानून को अपने हाथ में लिया था उन पर केस चलाए जाने की तैयारी की जा रही है। पुलिस जांच के बाद ही पता चलेगा कि उन मामलों का क्या हुआ है।

 
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