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आन लाइन शॉपिंग से परेशान हुआ सोलन बाजार सरकार ही ऑन लाइन का इलाज कर सकती है विशेष संवाददाता सोलन : दीपावली के दिनों में भी सोलन के व्यापारी ऑन लाइन शॉपिंग के बढ़ते रुझान से परेशान दिखे। व्यापारियों का कहना है कि आन लाइन शॉपिंग ने पूरे सोलन के बाजार को तहस नहस करके रख दिया है। कुछ ही प्रकार के व्यवसाय रह गए हैं जहां आन लाइन शॉपिंग की मार अपना असर नहीं दिखा पा रही है, वरना हर जगह बुरे हाल हैं।अधिकतर दुकानदारों का कहना है कि जबसे आन लाइन शॉपिंग से छोटे छोटे सामान की बिक्र शुरू हुई है तब से उनकी दुकानों पर ग्राहकों का आना न के बराबर ही हो गया है। साथ ही सोलन में मॉल कल्चर भी सोलन के दुकानदारों पर बड़ी मार कर रहा है। रही सही कसर हिमाचल उत्सव जैसे मेलों ने पूरी कर दी है। शायद यही वजह है कि व्यापारियों ने इस प्रकार के मेलों में लगने वाले स्टालों के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था। कानून चाहे कुछ भी कहे लेकिन सोलन के दुकानदारों पर जो संकट है उससे बहुत से दुकानदार अपना व्यवसाय बंद करके अन्य काम धंधों में लग जाएंगे। कहा जा सकता है कि ऑन लाइन शॉपिंग से हजारों दुकानदारों के व्यवसाय पर संकट आ गया है और वह अब कुछ ही वर्ष व्यवसाय के लायक बचे हैं। कुछ का कहना है सोने के कारोबार पर ऑन लाइन शॉपिंग का कोई असर नहीं है। तभी सोने के व्यापारी दीपावली पर दिल खोलकर करोड़ों रुपए का व्यवसाय कर रहे हैं। हार्डवेयर व्यवसाय पर भी ऑन लाइन शापिंग का कम असर है। इसी प्रकार रेस्तरां के व्यवसाय पर भी ऑन लाइन शॉपिंग बे असर ही है। इस मार को झेल रहे व्यवसायी कहते हैं कि अब तो सरकार ही आन लाइन वालों का इलाज कर सकती है। उधर कुछ समझदार दुकानदारों ने आन लाइन शापिंग के रुझान को समझ लिया है और वह अपने व्यवसाय के चलाए रखने के लिए नई तकनीकी का इजाद कर रहे हैं। वह अपने ग्राहकों को अच्छी सेवाएं दे रहे हैं जो ऑन लाइन वाले किसी सूरत में नहीं देते हैं। साथ ही वह उच्च गुणवत्ता का ख्याल रखते हैं जो आन लाइन वालों के बस में नहीं है। |
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