फंस गया वक्फ बिल
विशेष संवाददाता
शिमला : पिछले दिनों संसद के दोनों सदनों से पारित वक्फ संशोधन कानून 2025
सुप्रीम कोर्ट में फंस गया। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश संजीव खन्ना ने
केन्द्र सरकार के उपरोक्त बिल की कुछ धाराओं पर रोक लगा दी है और केन्द्र सरकार
से विभिन्न याचिकों पर जवाब दाखिल करने को कहा है।
अब केन्द्र सरकार इसका जवाब अदालत में दाखिल करेगी और वादियों को कापी स्पलाई
की जाएगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही आगे बढ़ती जाएगी। फिलहाल कहा जा
सकता है कि इस बिल को लाने में सरकार ने जो जल्दबाजी दिखाई थी उसकी हवा सुप्रीम
कोर्ट में मुख्य न्यायधीश संजीव खन्ना के नेतृत्व में गठित बैंच ने निकाल दी
है। कहते हैं केन्द्र सरकार को इससे एक बड़ा झटका लगा है। यह बात स्पष्ट रूप से
देखी जा रही है कि सरकार के पक्ष में खड़े लोग सुप्रीम कोर्ट पर ही तोहमत लगाने
लगे हैं।
कानून के विशेषज्ञ मानते हैं कि अब कुछ ही दिनों में मुख्य न्यायधीश खन्ना
सेवानिवृत होने वाले हैं और फिलहाल वह वादियों को राहत प्रदान कर चुके हैं। अब
नए मुख्य न्यायधीश बी.आर. गवई इस कार्यवाही को कैसे आगे बढ़ाएंगे यह देखने वाली
बात होगी। फिलहाल जो उबाल इस बिल के कानून बनने के बाद उठा था वह शांत हो चुका
है। अब कानूनी पहलुओं पर अदालत में बात होगी और सभी याचिकाओं में दायर बातों को
खुलासा आम जनता के बीच होगा। सबसे महत्वपूर्ण पहलु यह है कि इसे राष्ट्रपति
द्रोप्दी मुरमु ने भी बिना देरी किए स्वीकृति दे दी हलांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस
याचिका के दौरान कानून के संवैधानिक पहलुओं पर कई प्रश्न खड़े किए हैं। कुछ
लोगों का यह भी मानान है कि राष्ट्रपति को भी उन संवैधानिक पहलुओं पर विचार
करना चाहिए था जिन पर सुप्रीम कोर्ट में बात अटक गई। मुस्लिम पक्ष का आरोप है
कि भाजपा सरकार इतनी जल्दी में थी कि भाजपा की कुछ प्रांतीय सरकारों ने इसे
कानून मानते हुए अधिकारियों को वक्फ बोर्ड की जमीनों की सूची बनाने के आदेश भी
जारी कर दिए थे। स्टे के बाद सभी कार्यवाही भी रुक गई हैं।
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