शूलिनी
मेला में व्यापार
संजय हिंदवान
यूं तो शूलिनी मेला को एक धार्मिक मेले के रूप में मनाए जाने की पुरानी परंपरा
है। लेकिन समय के साथ साथ इसने अपने व्यवसाय के स्वरूप को भी बदला है। इस मेले
से व्यवसायियों को भी आस रहती है कि उन्हें मेला अच्छा मुनाफा देकर जाएगा।
करीब 50 चर्ष पहले यहां व्यवसाई ड्राई फ्रूटस बेचने दूर
दूर से आते थे। हलवाइयों की तरह तरह की दुकानें सजाई जाती थी। जिसमें जलेबी और
बर्फी लोगों के सबसे पसंदीदा मिठाई होती थी। बच्चों के खिलौने बेचने वालों का
बड़ा वर्ग यहां व्यवसाय करने आता था। इसी प्रकार लोग नए नए उत्पादों को मेले के
बाजार में लाया करते थे। आधुनिकीकरण का भी मेले पर जबरदस्त प्रभाव पड़ा और बाजार
में इलैक्ट्रॉनिक व महंगा सामान बिकने लगा।
अब मेले में घरेलु उत्पाद से लेकर बड़े बड़े उद्योगों में
बनने वाले समान के यहां स्टॉल लगने लगे हैं। स्थानीय व्यापारी भी मेले के लिए
तरह तरह के नए नए सामान लाकर ग्राहकों को उसके बारे में जानकारी अपने संस्थानों
में देने लगे हैं। कहा जा सकता है कि मेले के नाम पर अब करोड़ों रुपए का व्यापार
होता है। कपड़ों, जूतों-चप्पलों से लेकर सौंदर्य प्रसाधन का सामान भी मेले के
दौरान खूब बिकता है। लोगों की भी जिज्ञासा रहती है कि मेले में वह नई नई चीजें
खरीदें। मेले की इस प्रतिस्पर्धा में केवल रेहड़ी फड्ही और छोटे दुकानदार ही
सीमित नहीं हैं, बड़े दुकानदार और शोरूम वाले भी इसमें शामिल हैं।
यही नहीं महंगा सामान भी मेले के दौरान खूब बिकता है। लोग
मेले पर स्वर्ण आभूषण खरीदते हैं। टीवी, फ्रिज, मोबाइल सहित कई प्रकार के महंगे
सामान की खरीददारी के लिए भी लोग कई दिन पहले योजनाएं बनाने लगते हैं। सोलन नगर
की मेले के दौरान सबसे खास बात यह रहती है कि मैदानी इलाकों में भीषण गर्मी के
कारण बहुत से धन्नासेठ भी यहां आते हैं और खरीददारी करते हैं। शाम को ठंडी ठंडी
हवाओं में बाजार में खूब भीड़ भाड़ हो जाती है। जाहिर है लोगों का जमावड़ा लगने के
साथ साथ लोग खरीददारी करने निकलते हैं। छोटी बड़ी दुकानों में भी भीड़ लगा रहती
है। इस भीड़ का अंदाजा सोलन के व्यापारियों को पहले से ही रहता है। इसलिए वह भी
मेले के लिए नई नई वैराइटी का सामान अपनी दुकानों में रखते हैं ताकि ग्राहक
उनकी दुकानों से संतुष्ट होकर जाए।
सोलन में शूलिनी मेले के दौरान व्यापारी लोग सामान्य
दिनों से अधिक माल अपनी दुकानों के लिए मंगवा लेते हैं। दीपावली तक या सर्दी
शुरू होने से पहले वह अपने सारे माल को खत्म कर देना चाहते हैं। शूलिनी मेला
उनके स्टॉक को कम करने में काफी सहायक रहता है। मेले की खरीददारी व्यापारी को
काफी संबल प्रदान करती है और उसमें व्यवसाय के प्रति पूरे वर्ष उत्साह बना रहता
है।
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