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ग्रास साप्ताहिक, निर्मल निवास, सपरून, सोलन
(हि.प्र.)
न.-9418104770 |
निगम कार्यकाल के अंतिम बजट से
कोई उम्मीद नहीं
पार्षद लोगों को भारी नुक्सान
पहुंचाकर अलविदा कह जाएंगे...
निजी संवाददाता
सोलन :
इस बार चुनी गई नगर निगम के अंतिम बजट से भी सोलन की जनता को कोई राहत
नहीं मिली। कहने को तो यह बजट सिर्फ लगभग 200 करोड़ रुपए का ही बजट है जो पिछली
नगर परिषद के बजट के मुकाबले कुछ भी नहीं है। लोगों को आस थी कि निगम बनने के
बाद सोलन के विकास कार्यों में बड़ी प्रगति होगी लेकिन इस कार्यकाल के अंतिम बजट
में भी नगर निगम की गरीबी साफ झलक रही थी।
इस बार के बजट में विकास कार्यों का जो वर्णन किया गया है वह छोटे-मोटे
सौंदर्यकरण से आगे नहीं बढ़ पाया है। जबकि जनता पर करों का बोझ इतना लाद दिया
गया है कि नगर निगम की आर्थिक स्थिति फिर भी सुधरती हुई नजर नहीं आ रही है।
जबकि यहां के भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने लोगों के समक्ष यह दावा किया था
कि नगर परिषद से नगर निगम बनने के बाद सोलन में पैसों की जबरदस्त बौछार होने
लगेगी और सोलन में विकास की गंगा बहने लगेगी। अब नगर निगम का कार्यकाल इस वर्ष
के अंत में समाप्ती की ओर ही होगा और अगला बजट नई चुनी हुई नगर निगम के
पार्षदों की टीम बनाएगी।
यहां यह बात भी गौर करने लायक है कि मौजूदा पार्षदों में से दो चार पार्षद ही
दोबार चुनाव जीतकर अगले नगर निगम का हिस्सा बन पाएंगे और फिर मौजूदा नगर निगम
के सभी सवाल जवाब भी समाप्त हो जाएंगे। यह नगर निगम सोलन के लोगों को भारी
नुक्सान पहंुचाकर अलविदा कह जाएगी और समय के साथ सभी लोग इस बात को भूल जाएंगे।
लेकिन सोलन की जनता इसे वर्षों तक भुगतती रहेगी।
कितनी बार सोलन के समझदार लोग कह चुके हैं कि ऐसे लोगों को नगर निगम में लाएं
जो दूरदर्शी हों और लोगों की समस्याओं को लंबे समय तक हल करके रखने की काबलियत
रखते हों लेकिन अगले चुनाव में भी लोग उसी मस्करी से अपना निगम चुनेंगे जैसे
पहले चुनते आए हैं, सवाल वहीं खड़े रहेंगे।
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सोलन में बिक सकेंगे पुराने कबाड़ में दिए जाने वाले वाहन
पहले क्षेत्र के कबाड़ी करते थे इस कार्य को...
निजी
संवाददाता
सोलन :
पुराने वाहनों को कबाड़ में बेचने की सुविधा अब सोलन में उपलब्ध होगी।
हिमाचल प्रदेश में जो लोग अपनी पुरानी कारों या अन्य वाहनों को कबाड़ में बेचना
चाहते हैं वह सोलन आकर अपनी गाड़ी को स्क्रैप में बेच सकते हैं। पहले यह काम नगर
के कबाड़ी किया करते थे, जिनके धंधे पर बड़ी मार पड़ने वाली है। कहते हैं जिन
पुराने वाहनों पर 15 साल की बंदिश नहीं है उनके लिए वाहनों के कलपुर्जे सोलन
में ही मिल जाएंगे।
इस कबाड़ घर को स्थापित करने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग को दी गई है। टेस्ंिटग
सेंटर के साथ स्क्रैपिंग सेंटर खोलने को लेकर सोलन और हमीरपुर में यह सेंटर खोल
दिए गए हैं। यहां प्रदेश के वाहन मालिक अपने 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप
करने के लिए ले जा सकते हैं। हालांकि निजी वाहन मालिकों पर 15 साल की शर्त नहीं
है, जो कि सरकारी वाहनों पर लागू कर दी गई है, लेकिन फिर भी सरकार रियायतों का
लाभ लेने के लिए निजी वाहन मालिक भी अपने वाहनों को स्क्रैप करवा सकते हैं।
इससे पहले इस कार्य को क्षेत्र के कबाड़ी किया करते थे। कहते हैं कि ऐसे में
पुराने वाहनों के ठीक कलपुर्जे भी यहां बिक सकते हैं। इससे मैकैनिकों का धंधा
फलफूल सकेगा।
अभी तक हिमाचल में 15 साल पुराने डीजल और पेट्रोल के वाहनों की बोली लगाकर
बाहरी राज्यों में स्क्रैपिंग के लिए भेजा जाता रहा है। यह काम अधिकतर सोलन के
कबाड़ी करते थे लेकिन उनसे सर्टिफिकेट ऑ डिस्पोजऑफ लेना काफी कठिन था। अब पहली
बार प्रदेश में ही वाहन मालिकों को स्क्रैपिंग की सुविधा दे दी गई है। परिवहन
विभाग के निदेशक डीसी नेगी का कहना है कि हिमाचल में अभी तक निजी वाहनों के लिए
स्क्रैपिंग का नियम लागू नहीं है। लोग अपने 15 साल पुराने निजी वाहनों को
स्वेच्छा से स्क्रैप करवा सकते हैं। हिमाचल में स्वेच्छा से 15 साल पुराने
वाहनों को स्क्रैप करवाने पर रोड टैक्स में छूट मिलेगी। गैर परिवहन वाहनों पर
25 फीसदी और परिवहन वाहनों पर 15 फीसदी की एकमुश्त छूट मिलती है। वाहन के
स्क्रैप होने पर मालिक को स्क्रैप केंद्र की तरफ से सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट जारी
किया जाएगा। इस तरह नया वाहन खरीदते वक्त ऐसे व्यक्ति को प्रमाणपत्र प्रस्तुत
करना होगा, जिस पर हिमाचल प्रदेश सरकार की ओर से नौ फरवरी, 2024 के मोटर वाहन
कर अधिसूचना के मुताबिक नया वाहन खरीदने पर टैक्स में ये छूट मिलेगी।
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जियो जिंदगी संस्था
उपायुक्त सोलन से मिली
डोप टेस्ट अनिवार्य किया जाना चाहिए...
निजी संवाददाता
सोलन :हिमाचल प्रदेश में चिट्टे के खिलाफ जंग में सोलन की समाजसेवी संस्था
भी उतर गई है। संस्था का कहना है कि हिमाचल में चिट्टा अब गंभीर समस्या बन
गया है। जिस प्रकार के समाचार आ रहे हैं वह लोगों को डराने के लिए काफी
हैं। इसके लिए अब सरकारी नौकरियों, शिक्षण संस्थानों में दाखिला, ड्राइविंग
लाइसेंस बनवाने और कोई भी चुनाव लड़ने वाले राजनेताओं और जनप्रतिनिधियों के
लिए डोप टेस्ट को अनिवार्य किया जाना चाहिए।
उपरोक्त मांग धर्मपुर स्थित नशा विरोधी सामाजिक संस्था जियो जिं़दगी ने
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री से की है। उपायुक्त सोलन के माध्यम से
मुख्यमंत्री को दिए गए ज्ञापन में संस्था ने कहा है कि चिट्टे की विकराल
समस्या को देखते हुए इसकी रोक थाम के लिए कठोर कानून बनाने और उन्हें उनकी
रूह के अनुकूल लागू करने की मांग भी संस्था ने अपने ज्ञापन में की है।
उपायुक्त को ज्ञापन देने के बाद जियो जिं़दगी का प्रतिनिधिमंडल जिला के
पुलिस प्रमुख से भी मिला और उनसे इस मामले में चर्चा की। पुलिस से इस मामले
में लोगों को बड़ी आशा है और पुलिस चिट्टे को प्रदेश भर से खत्म करने में
सक्षम भी है।
जियो जिंदगी के अध्यक्ष मनमोहन सिंह ने बताया कि इस ज्ञापन में सरकार को
सुझाव दिया गया है कि सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में खेल,
सांस्कृतिक गतिविधियों और एनसीसी को भी अनिवार्य बनाया जाए ताकि बच्चों का
ध्यान नशे की ओर जाने के स्थान पर खेल गतिविधियों की ओर जाए। सरकार चाहे तो
इस प्रकार की गतिविधियां युवाओं को नशे से दूर रखने में कारगर साबित होंगी।
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भाजयुमो का प्रदर्शन
निजी
संवाददाता
सोलन :
कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी के समन
के बाद सोलन के भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन
किया। यूं तो यह प्रदर्शन कई अन्य स्थानों पर भी हुआ लेकिन सोलन में भाजयुमो के
नेताओं ने इसमें हिमाचल की कांग्रेस सरकार को लपेट लिया। भाजपा नेताओं ने
सुुक्खू सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने नेशनल हेराल्ड अखबार को करोड़ों रुपए के
विज्ञापन जारी किए हैं।
ईडी में नेशनल हेराल्ड केस का क्या होगा और अदालत में यह मामला कहां तक टिकता
है यह तो समय ही बताएगा लेकिन हेराल्ड अखबार को हिमाचल सरकार द्वारा दिए
विज्ञापन का मुद्दा भाजपा ने पकड़ लिया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि एक ओर
प्रदेश में आर्थिक संकट का रोना रोया जा रहा है, दूसरी ओर बंद अखबार को
विज्ञापन दिए जा रहे हैं।
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